Rajasthan Mechanic Miracle : राजस्थान के एक गांव के मिस्त्री अंजु कुमार ने कमाल कर दिया। गांव में बिजली कटौती देख उसे एक आइडिया आया। उसने ऐसे उपकरण बना दिए कि अब बिना पैसा खर्च किए 24 घंटे बिजली मिलेगी। झुंझुनूं के कसेरू गांव के मिस्त्री अंजु कुमार ने कुछ ऐसे उपकरणों के मॉडल तैयार किए हैं, जिनसे बिना पैसा खर्च किए 24 घंटे बिजली मिल सकती है। उसने पहले बिना ईंधन के बिजली पैदा करने वाला संयंत्र बनाया। फिर जनरेटर-कूलर बना दिया। अब एक उपकरण तैयार किया है जिससे सभी तरह के विद्युत उपकरणों और वाहनों का संचालन किया जा सकता है।
अंजूकुमार ने हवा से बिजली पैदा करने वाला विंड इलेक्ट्रिसिटी जनरेटर भी बनाया है। यह पवन चक्की की तरह काम करता है। छत पर रखने और हवा चलने के साथ ही इसके पंखे घूमने लगते हैं। साथ ही इसके नीचे लगा डायनुमा व गियर बॉक्स काम करना शुरू कर देते हैं। इसी के साथ ऊर्जा उत्पन्न होने लगती है। इससे उत्पन्न बिजली को स्टोर भी किया जा सकता है। उत्पन्न बिजली से 12 वोल्ट डीसी तक के एलईडी बल्ब समेत अन्य उपकरण संचालित किए जा सकते हैं।
ऑटोमेटिक संयंत्र
ऑटोमेटिक बिजली संयंत्र भी बनाया। छह वोल्ट डीसी संयंत्र से पैदा होने वाली बिजली का 35 फीसदी हिस्सा इंजन में खर्च होता है, शेष बिजली अन्य काम में ली जा सकती है। इसकी खासियत यह है कि इसमें बिना कोई खर्च के बिजली पैदा की जा सकती है।
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इको फ्रेंडली कूलर
अंजूकुमार ने पिछले साल इको फ्रेंडली कूलर तैयार किया। इसमें 90 प्रतिशत बिजली बचाई जा सकती है। कूलर चलाने के लिए किसी तरह की गैस, हीट आदि की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह घर पर भी रखा जा सकता है और वाहन में भी काम में लिया जा सकता है।
पूरी तरह निशुल्क बिजली होती है उत्पादित
अंजू ने हाल ही बिना किसी परंपरागत ईंधन अथवा ऊर्जा का उपयोग कर विद्युत ऊर्जा बनाने का उपकरण तैयार किया है। उसने बताया कि यह उपकरण पूरी तरह निशुल्क और प्रदूषण रहित बिजली का उत्पादन करता है। यह सभी प्रकार के विद्युत उपकरणों और वाहनों के संचालन में सक्षम है। इसमें बाहर से किसी तरह के ईंधन की जरूरत नहीं पड़ती, स्वत: ही बिजली बनाता है। इससे घरेलू बल्ब, ट्यूबलाइट आदि चलाए जा सकते हैं।
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ऑटोमेटिक संयंत्र
ऑटोमेटिक बिजली संयंत्र भी बनाया। छह वोल्ट डीसी संयंत्र से पैदा होने वाली बिजली का 35 फीसदी हिस्सा इंजन में खर्च होता है, शेष बिजली अन्य काम में ली जा सकती है। इसकी खासियत यह है कि इसमें बिना कोई खर्च के बिजली पैदा की जा सकती है।
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इको फ्रेंडली कूलर
अंजूकुमार ने पिछले साल इको फ्रेंडली कूलर तैयार किया। इसमें 90 प्रतिशत बिजली बचाई जा सकती है। कूलर चलाने के लिए किसी तरह की गैस, हीट आदि की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह घर पर भी रखा जा सकता है और वाहन में भी काम में लिया जा सकता है।
पूरी तरह निशुल्क बिजली होती है उत्पादित
अंजू ने हाल ही बिना किसी परंपरागत ईंधन अथवा ऊर्जा का उपयोग कर विद्युत ऊर्जा बनाने का उपकरण तैयार किया है। उसने बताया कि यह उपकरण पूरी तरह निशुल्क और प्रदूषण रहित बिजली का उत्पादन करता है। यह सभी प्रकार के विद्युत उपकरणों और वाहनों के संचालन में सक्षम है। इसमें बाहर से किसी तरह के ईंधन की जरूरत नहीं पड़ती, स्वत: ही बिजली बनाता है। इससे घरेलू बल्ब, ट्यूबलाइट आदि चलाए जा सकते हैं।
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