इस दौरान आतंकियों ने जवानों पर गोलीबारी शुरू कर दी। दोनों तरफ से भारी गोलीबारी हुई। गरुड कमांडो संदीप झाझडिय़ा के भी दो गोली लग गई। लेकिन संदीप ने हार नहीं मानी। गोली लगने के बावजूद आतंकियों पर गोली बरसाते रहे। तीन आतंकियों को ढेर कर दिया। बहादुरी पर शौर्य चक्र दिया गया।
तापमान में बढ़ोतरी को देखते हुए चिकित्सा विभाग का अलर्ट जारी
ग्रामीण बोले, हमारे लिए गर्व की बात
गांव के कुलदीप झाझड़िया व रविन्द्र महला ने बताया कि यह हमारे लिए गर्व की बात है। संदीप के पिता सहीराम झाझडिय़ा भी रिटायर्ड फौजी हैं। वे अभी झुंझुनूं स्थित रीको औद्योगिक क्षेत्र में रहते हैं। बड़ा भाई विजय झाझडिय़ा डॉक्टर है। पदक मिलने पर एडवोकेट भगवानसिंह शेखावत, एडवोकेट संदीप झाझड़िया, रविन्द्र महला, विनोद झाझड़िया, नंदराम झाझड़िया, महेन्द्र, कर्मवीर, उम्मेद,सत्यवीर बहादुर मल स्वामी, अंजू , सुमन पूनिया व अन्य ने खुशी मनाई। इससे पहले इसी गांव के रहने वाले आईपीएस सुनील झाझड़िया को राष्ट्रपति अवार्ड मिल चुका है। गांव के युवा को यह दूसरा बड़ा अवार्ड मिला है।