उन्होंने कहा कि जिस गांव का बेटा शहीद हो उस गांव में उसका मंदिर बनाकर उसे पूजना चाहिए। किसी भी शुभ कार्य और परेशानी के समय उसके सामने मन्नत मांगनी चाहिए। उनका विश्वास है कि उनकी मनोकामना अवश्य पूरी होगी।
उन्होंने कहा कि शहीद देश की धरोहर है और जिस घर और गांव में शहीद होता है वहां शहीद की वीरांगना, माता-पिता तथा गांववासी भी धन्य हो जाते है। समारोह में सहकारिता मंत्री अजय सिंह किलक ने कहा कि भारत देश में जय जवान और जय किसान का नारा हमेशा बुलंद रहा है। उन्होंने कहा कि झुंझुनू जिला सर्वाधिक सैनिकों और सर्वाधिक शहीदों के मामले में अग्रणी स्थान पर है।
अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष सुंदरलाल एवं सांसद संतोष अहलावत ने कहा कि सरकार शहीद परिवारों के हर दुख और दर्द में उनके साथ है उन्होंने कहा कि सरकार उनके लाडले की कमी तो पूरी नहीं कर सकती, लेकिन उनको किसी भी प्रकार का दुख और परेशानी नहीं हो उसके लिए वे हर संभव मदद के लिए तैयार है। इस दौरान अतिथियों ने शहीद वीरांगना, शहीद के माता-पिता का शॉल ओढाकर सम्मान किया।