झुंझुनू

राजस्थान के पौषाणा गांव में बनेगा इतिहास, एक ही जगह पांच शहीदों की प्रतिमाओं को होगा अनावरण

गांव में घुसते ही सबसे पहले बस स्टैंड पर देश पर जान कुर्बान करने वाले एक साथ पांच शहीदों की प्रतिमाएं लगी हैं। ग्रामीणों का दावा है कि यह राजस्थान का पहला गांव है जहां एक साथ स्वतंत्रता दिवस पर पांच शहीदों की प्रतिमाओं का अनावरण होगा।

झुंझुनूAug 14, 2021 / 03:59 pm

Rajesh

राजस्थान के पौषाणा गांव में बनेगा इतिहास, एक ही जगह पांच शहीदों की प्रतिमाओं को होगा अनावरण

#poshana village in jhunjhunu
गुढ़ागौडज़ी. राजस्थान का झुंझुनूं जिला सैनिकों के जिले के नाम से अपनी विशेष पहचान रखता है। अब यहां आजादी की वर्षगांठ पर एक और इतिहास बनने वाला है। झुंझुनूं-उदयपुरवाटी मार्ग पर रविवार को एक ही छत के नीचे एक साथ गांव के पांच शहीदों की मूर्तियों का अनावरण किया जाएगा।
झुंझुनूं के वीर सैनिक सरहद की रक्षा के लिए हमेशा आगे रहते हैं। शहीदों के योगदान की ऐसी ही एक मिशाल सामने आई है उदयपुरवाटी उपखण्ड के गांव पोषाणा में। जहां 15 अगस्त को एक साथ गांव के पांच शहीदों की प्रतिमाओं का अनावरण होगा। गुढ़ागौडज़ी से पांच किलोमीटर दूर स्टेट हाईवे 37 पर स्थित पोषाणा गांव के युवाओं में देश भक्ति का अलग ही जज्बा देखा जा सकता है। गांव में घुसते ही सबसे पहले बस स्टैंड पर देश पर जान कुर्बान करने वाले एक साथ पांच शहीदों की प्रतिमाएं लगी हैं। ग्रामीणों का दावा है कि यह राजस्थान का पहला गांव है जहां एक साथ स्वतंत्रता दिवस पर पांच शहीदों की प्रतिमाओं का अनावरण होगा। द्वितीय विश्व युद्ध से लेकर अब तक गांव के पांच जवान देश की रक्षा करते हुए वीर गति को प्राप्त हुए थे। पूर्व सैनिक सूबेदार नन्ददेव सिंह ढेवा ने बताया कि गांव में फिलहाल 57 पेंशनधारी सैनिक हैं। 30 से अधिक सैनिक वर्तमान में सीमा पर सेवा दे रहे हैं।
#poshana village in jhunjhunu

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इन प्रतिमाओं का अनावरण करने के लिए पूर्व सैनिक कल्याण मंत्री प्रेमसिंह बाजौर, सांसद नरेंद्र कुमार खींचड़, जिला कलक्टर यूडी खान,पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी,जिला सैनिक कल्याण अधिकारी परवेज अहमद हुसैन,पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी,प्रधान माया देवी सहित अनेक अतिथि मौजूद रहेंगे।
1 शहीद सेडूराम मेचू

गांव के पहले शहीद राईफल मैन सेडुराम मेचू। सेडूराम राजरिफ में 10 मई 1942 को भर्ती हुए थे। तथा द्वितीय विश्व युद्ध में पांच फऱवरी 1945 को जर्मनी में शहीद हो गए थे।
– पिता: गोपालराम
-माता: नारायणीदेवी।


2.
शहीद जोधाराम महला
राजरिफ़ में चार अगस्त 1942 को भर्ती हुए थे। आठ मार्च 1945 को द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी में शहीद हो गए थे।
गांव के दूसरे शहीद राइफल मैन जोधाराम महला
-पिता: बालुराम
-माता: ज्ञानीदेवी
-वीरांगना: धापीदेवी
3. शहीद बोयतराम ढेवा

गांव के तीसरे शहीद सिपाही बोयतराम ढेवा
जाट रेजिमेंट में पांच फऱवरी 1960 में भर्ती हुए थे। 20 नवंबर 1962 को भारत चीन युद्ध के दौरान लद्दाख में शहीद हो गए थे।
-पिता: चंद्राराम
-माता मोहरीदेवी
-वीरांगना: मूंगीदेवी थी।


4. शहीद बालाराम खैरवा

गांव के चौथे शहीद ग्रेनेडियर बालाराम खैरवा थे। 27 नवंबर 1962 को ग्रनेडियर्स में भर्ती हुए थे तथा 11 सितंबर 1967 को लद्दाख में शहीद हो गए थे।
पिता: जीताराम
माता: केशरदेवी
वीरांगना: किस्तूरी देवी


5.शहीद धर्मपाल सिंह
गांव के पांचवें शहीद धर्मपाल सिंह हुए। 13 जनवरी 1988 को जाट रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। 16 सितंबर 2009 को जम्मु कश्मीर में शहीद हो गए थे।
पिता: मूलचंद
माता: मनभरीदेवी
वीरांगना: विनोददेवी।


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रिपोर्ट व कंटेंट-गोपीकिशन सोनी

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