राजस्थान में पुलिस पर इस बार अनूठे तरीके से हमला हुआ है। झुंझुनूं जिले के पिलानी कस्बे के निहाली चौक के पास शुक्रवार रात पिलानी पुलिस पर हमला किया गया। हमले में पुलिस के चार जवान घायल हो गए। घायलों का कस्बे के बिड़ला सार्वजनिक अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। घटना रात करीब 10 बजे हुई। युवक के पास हथियार होने की सूचना पर पुलिस की टीम निहाली चौक पहुंची थी। इसी दौरान वहां शराब पी रहे युवक ने थाने के सिपाही राजकुमार के सिर में बोतल से वार कर दिया। साथी जवान हैडकांस्टेबल सुनील कुमार, सुरेश कुमार तथा मंगलाराम ने आरोपी को पकडऩे का प्रयास किया तो परिवार के लोगों ने पालतू पिटबुल डॉग को छोड़ दिया। डॉग के हमले से हैडकांस्टेबल सुनील कुमार, सुरेश कुमार तथा मंगलाराम भी घायल हो गए। बाद में सभी को अस्पताल लाया गया। सूचना पर थानाधिकारी रणजीत सेवदा व पुलिस के जवान अस्पताल पहुंचे। बाद में आरोपियों की तलाश की गई, लेकिन उनका कोई पता नहीं चल पाया है।
पुलिस गई थी दूसरे घर में रेड मारने
पिलानी कस्बे में पुलिस पर हमला क्यों किया गया। इसका कारण पुलिस के भी समझ में नहीं आ रहा है। थानाधिकारी रणजीत सेवदा का कहना है कि पुलिस को कस्बे के निवासी विक्रम गुर्जर के पास अवैध हथियार होने की सूचना मिली थी। इस पर पुलिस टीम तीन बाइक लेकर सर्च करने गई थी। विक्रम के घर के पहले ही भरत बालापोता का घर है। वहां पर उसके परिवार के सदस्य ने सिपाही राजकुमार पर बोतल से वार कर दिया। बाद में घर में बंधा पिटबुल डॉग खोल दिया गया। डॉग ने तीन जवानों पर हमला कर दिया।
पिलानी कस्बे में पुलिस पर हमला क्यों किया गया। इसका कारण पुलिस के भी समझ में नहीं आ रहा है। थानाधिकारी रणजीत सेवदा का कहना है कि पुलिस को कस्बे के निवासी विक्रम गुर्जर के पास अवैध हथियार होने की सूचना मिली थी। इस पर पुलिस टीम तीन बाइक लेकर सर्च करने गई थी। विक्रम के घर के पहले ही भरत बालापोता का घर है। वहां पर उसके परिवार के सदस्य ने सिपाही राजकुमार पर बोतल से वार कर दिया। बाद में घर में बंधा पिटबुल डॉग खोल दिया गया। डॉग ने तीन जवानों पर हमला कर दिया।
खतरनाक होते हैं पिटबुल पिटबुल डॉग को दूनिया के सबसे खतरनाक डॉग में माना जाता है। विश्व के कई देशों में इनको पालने पर प्रतिबंध लग चुका है। कई जगह इस नस्ल के डॉग जान भी ले चुके हैं। पिट बुल की छवि एक आक्रामक और अप्रत्याशित बर्ताव वाले डॉग के रूप में है। एक सर्वे के अनुसार पिट बुल अमरीकी डॉग संख्या का केवल 6 प्रतिशत हिस्सा हैं, जबकि काटने के मामले इनके ज्यादा है। भारत में भी इनके हमले बढ़ते जा रहे हैं।
गाजियाबाद में भी एक पिटबुल डॉग ने एक लड़के को बुरी तरह काट खाया था। उसका पूरा चेहरा और शरीर लहुलूहान हो गया। लड़के को 125 टांके लगवाने पडे थे। ्र लखनऊ में कुछ समय पहले जब पिटबुल ने अपने मालिक की मां को जगह जगह काटकर मार डाला था, तब उस घटना से सनसनी फैल गई थी। कुछ माह पहले जयपुर में भी एक बच्चे पर हमला कर दिया गया था।
गाजियाबाद में भी एक पिटबुल डॉग ने एक लड़के को बुरी तरह काट खाया था। उसका पूरा चेहरा और शरीर लहुलूहान हो गया। लड़के को 125 टांके लगवाने पडे थे। ्र लखनऊ में कुछ समय पहले जब पिटबुल ने अपने मालिक की मां को जगह जगह काटकर मार डाला था, तब उस घटना से सनसनी फैल गई थी। कुछ माह पहले जयपुर में भी एक बच्चे पर हमला कर दिया गया था।
किस नस्ल के
झुंझुनूं के पशुचिकित्सक डॉ अनिल खींचड़ के अनुसार पिट बॉल शब्द अमरीका में बुलडॉग और टेरियर्स के वंशजों की नस्ल के डॉग को कहा जाता है। वहीं यूके जैसे दूसरे देशों में इसे अमरीकन पिट बुल टेरियर यानि एपीबीटी नाम से जाना जाता है।