झुंझुनू

विधानसभा और लोकसभा चुनावों ने अटकाया गांवों में पानी पहुंचाने का काम

सूरजगढ़ और उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्रों में पानी पहुंचाने के मामले पर शुरू से ही संशय बरकरार है। पानी पहुंचाने को लेकर राजनीतिक गलियारों में दोनों ही बड़े दलों के नेताओं की बयानबाजी तो काफी रही। लेकिन पानी पहुंचाने में नाकाम ही साबित हुए। दोनों विधानसभा क्षेत्र के गांवों में पानी पहुंचाने के लिए योजना भी बनाई गई। लेकिन यह सिरे नहीं चढ़ पाई।

झुंझुनूJun 10, 2024 / 12:54 pm

Jitendra

पेयजल संकट से जूझ रहे जिले के सभी गांवों के घरों में इंदिरा गांधी नहर परियोजना के तहत कुंभाराम लिट कैनाल के तहत पानी पहुंचाने का काम धीमी गति से चल रहा। पहले विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनावों की वजह से काम अटक गया। इसका नतीजा यह रहा कि जिले के मंडावा व झुंझुनूं विधानसभा क्षेत्र के महज 70 गांवों में ही कुंभाराम लिट कैनाल का पानी पहुंचा है। जबकि दोनों ही विधानसभा क्षेत्र के काफी गांवों में अभी पानी पहुंचाना बाकी है।

255 गांवों में अब फिर से शुरू होगा काम

पुराने प्रोजेक्ट के तहत जिले 70 गांवों में ही पानी पहुंचा है। इसके तहत 255 गांवों में पानी पहुंचाया जाएगा। इस कार्य को 31 जुलाई 2024 तक पूरा करने केे दावे किए जा रहे हैं। आचार संहिता के हट गई है तो अब इनमें काम शुरू किया जाएगा।

पांच विधानसभा क्षेेत्रों में नहीं पहुंचा पानी, करना पड़ेगा इंतजार

झुंझुनूं जिले के गांवों को पानी पहुंचाने का यह प्रोजेक्ट आज भी रेंग रहा। इसके शुरुआत में केवल खेतड़ी (अब नीमकाथाना में) के गांव-ढाणियों को पानी पहुंचाने का कार्र्य किया। इसके बाद मंडावा व झुंझुनूं विधानसभा क्षेत्र के गांवों में पानी पहुंचाया गया। हालांकि दोनों विधानसभा क्षेत्रों के अब भी दर्जनों गांव पानी से वंचित हैं। जबकि नवलगढ़, चिड़ावा, पिलानी, सूरजगढ़, उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र के लोगों को आज भी पानी नहीं मिला है। उक्त विधानसभा क्षेत्र के लोगों को पानी के लिए काफी लंबा इंतजार करना पड़ेगा।

सूरजगढ़-उदयपुरवाटी में पानी पहुंचाने को लेकर अभी भी संशय बरकरार

सूरजगढ़ और उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्रों में पानी पहुंचाने के मामले पर शुरू से ही संशय बरकरार है। पानी पहुंचाने को लेकर राजनीतिक गलियारों में दोनों ही बड़े दलों के नेताओं की बयानबाजी तो काफी रही। लेकिन पानी पहुंचाने में नाकाम ही साबित हुए। दोनों विधानसभा क्षेत्र के गांवों में पानी पहुंचाने के लिए योजना भी बनाई गई। लेकिन यह सिरे नहीं चढ़ पाई। पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने 2018-19 के बजट में घोषणा की थी कि कुंभारामलिट कैनाल का पानी उदयपुरवाटी और सूरजगढ़ विधानसभा क्षेत्रों तक पहुंचेगा। जापान की स्कीम जायका के तहत फंडिंग की पूरी प्लानिंग तैयार थी। बजट घोषणा के अनुरूप डीपीआर तैयार हो गई और टेंडर प्रक्रिया भी लगभग पूरी हो चुकी है। कार्यादेश जारी नहीं किए गए थे।

जिला एक, लेकिन अलग-अलग प्रोजेक्ट के तहत होगा काम

जिले में अलग-अलग प्रोजेक्ट के तहत पानी पहुंचाने का काम होगा। मंडावा व झुंझुनूं विधानसभा क्षेत्र के गांवों में पुराने प्रोजेक्ट चूरू-बिसाऊ के तहत पानी पहुंचाने का काम किया जा रहा है। जबकि सीकर, नीमकाथाना, नवलगढ़, पिलानी, चिड़ावा व झुंझुनूं के शेष बचे हुए गांवों को आठ हजार करोड़ रुपए के मंजूर हुए दूसरे प्रोजेक्ट के तहत पानी मिला।

पानी पहुंचाने के लिए अब आगे क्या होगा

-पहलेे विधानसभा और अब लोकसभा चुनावों के चलते आचार संहिता लगने की वजह से काम बंद हो गया था। अब कहा जा रहा है कि आचार संहिता हटी है तो काम शुरू होगा।
-सूरजगढ़ व उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्रों के गांवों में पानी पहुंचाने के लिए बनाई गई योजना ठंडे बस्ते में चली गई। अब इसे फिर से पुनर्विंचार कराने के प्रयास हो रहे हैं।

-आठ हजार करोड़ के प्रोजेक्ट के तहत झुंझुनूं के बचे हुए गांव, नवलगढ़, पिलानी, चिड़ावा के अलावा सीकर व नीमकाथाना के गांवों में पानी पहुंचाने का काम शुरू होगा
-पुराने प्रोजेक्ट चूरू-बिसाऊ के तहत मंडावा विधानसभा क्षेत्र के वंचित गांवों में पानी पहुंचाया जाएगा।

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