झुंझुनूं. कोई आपको गलत तरीके से टच करने का प्रयास करे, आपके साथ जबरदस्ती करे या कुछ गलत दिखाए तो सावधान हो जाएं। सबसे पहले खुद की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए जोर से नो या नहीं चिल्लाएं(नो)। उस व्यक्ति व स्थान से दूर भाग जाएं (गो) और तुरंत अपने माता-पिता को बताएं (टेल)।
कुछ इसी तरह का संदेश देकर राजस्थान के झुंझुनूं जिले की 1450 महिला शिक्षक बच्चों को सुरक्षित करने का प्रयास करेंगी। शिक्षा विभाग की ओर से शुरू किए गए सुरक्षित स्कूल, सुरक्षित राजस्थान अभियान के तहत मंगलवार को सामुदायिक भवन में जिले के सभी 1487 सरकारी स्कूलों के 1550 शिक्षकों को विशेष ट्रेनिंग दी गई। खास बात यह है कि इनमें 1450 शिक्षक महिलाएं हैं।
शुरुआत 26 अगस्त से
कार्यक्रम अधिकारी मनोज झाझडिया ने बताया कि दो- दो घण्टे के 4 सेशन हुए। 26 अगस्त को “नो बैग डे” के अन्तर्गत एक साथ पूरे जिले के समस्त राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों और बच्चों को प्रातः 8से 12बजे तक गुड टच-बैड टच के बारे में जागरूक किया जाएगा। कार्यशाला में संयुक्त निदेशक अनुसुईया सिंह व एडीपीसी समसा कमला कालेर ने भी विचार व्यक्त किए। एसआरजी राजबाला यादव ,राकेश कुलहरि ,चंद्रभान,गुलाबचन्द ,मुकेश, मधु मीणा व बबीता ने एक्सपर्ट के रूप में बच्चों को समझाने के आसान और व्यवहारिक तरीके बताए।
सभी जिम्मेदारी समझें यह संवेदनशीलता और मानवता का विषय है। इसे हम सब को व्यक्तिगत जिम्मेदारी माननी चाहिए। राजकीय विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को गुड टच-बैड टच की समझ विकसित की जाएगी। इसका मकसद है कि बच्चों में होने वाली इस प्रकार की घटनाओं को प्रथम स्टेज पर ही रोका जा सके।
-प्रमेन्द्र कुल्हार, प्रभारी कार्यशाला
नजदीक लोगों पर भी नजर रखें
कई बार देखा गया है ऐसा करने वाला कोई परिचित व नजदीकी लोग ही होता है। वह कई बार बालक को डराता है कि किसी को कहा तो आपके माता-पिता के साथ गलत कर देंगे। लेकिन बालक डरें नहीं, अपने माता-पिता को बताएं। गलत हरकत किसी भी बच्चे के साथ हो सकती है। हम सबको मिलकर इसे रोकना होगा।
कई बार देखा गया है ऐसा करने वाला कोई परिचित व नजदीकी लोग ही होता है। वह कई बार बालक को डराता है कि किसी को कहा तो आपके माता-पिता के साथ गलत कर देंगे। लेकिन बालक डरें नहीं, अपने माता-पिता को बताएं। गलत हरकत किसी भी बच्चे के साथ हो सकती है। हम सबको मिलकर इसे रोकना होगा।
-राजबाला खींचड़, एपीसी