झुंझुनू

नेताजी कहां है झुंझुनूं का मेडिकल कॉलेज ? ?

झुंझुनूं में मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय 5 सितम्बर 2019 को हुआ था। झुंझुनूं के अलावा अन्य जिलों में भी मेडिकल कॉलेज को मंजूरी इसी दिन मिली। इसके बाद 19 सितम्बर 2019 को चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला अस्पतालों के पीएमओ को पत्र लिखकर भूमि व पट्टों की कार्रवाई के लिए पत्र लिखा। इसके बाद मंडावा विधानसभा क्षेत्र व झुंझुनूं विधानसभा क्षेत्र में जमीन की तलाश की गई। आखिर में मेडिकल कॉलेज के लिए सात नवम्बर 2019 को जमीन समसपुर में तय की गई। इसके बाद आगे की कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई।

झुंझुनूJun 27, 2020 / 09:00 pm

Rajesh

नेताजी कहां है झुंझुनूं का मेडिकल कॉलेज ? ?

झुंझुनूं. घोषणा के आठ माह बाद भी हमारा मेडिकल कॉलेज लाल फीते से बाहर नहीं निकला है। इसका इंतजार बढ़ता जा रहा है। अभी तक शिलान्यास तक नहीं हुआ है। भाजपा का कहना है कि केन्द्र अपने हिस्से की राशि दे चुका, लेकिन राज्य सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही।
झुंझुनूं में मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय 5 सितम्बर 2019 को हुआ था। झुंझुनूं के अलावा अन्य जिलों में भी मेडिकल कॉलेज को मंजूरी इसी दिन मिली। इसके बाद 19 सितम्बर 2019 को चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला अस्पतालों के पीएमओ को पत्र लिखकर भूमि व पट्टों की कार्रवाई के लिए पत्र लिखा। इसके बाद मंडावा विधानसभा क्षेत्र व झुंझुनूं विधानसभा क्षेत्र में जमीन की तलाश की गई। आखिर में मेडिकल कॉलेज के लिए सात नवम्बर 2019 को जमीन समसपुर में तय की गई। इसके बाद आगे की कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई। मेडिकल कॉलेज में राज्य से ज्यादा केन्द्र राशि देता है। केन्द्र 60 प्रतिशत व राज्य 40 प्रतिशत राशि देगा।
#medical college jhunjhunu
किसने कब लिया श्रेय

– नगर परिषद के नए बोर्ड के शपथ ग्रहण समारोह में विधायक बृजेन्द्र ओला ने दावा किया था कि झुंझुनंू में मेडिकल कॉलेज उन्होंने खुलवाया है।
– पिलानी आए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी दावा किया था कि उनकी सरकार ने मेडिकल कॉलेज दिया है। आगे राज्य के सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खुलेंगे।
-सांसद नरेन्द्र खींचड़ ने 21 जनवरी को पत्रकार वार्ता कर दावा किया था मेडिकल कॉलेज उन्होंने खुलवाया है।
#samaspur

रेल के बाद मेडिकल में भी पिछड़ा हमारा झुंझुनूं

जिला रेल के मामले में पहले से पिछड़ा हुआ था। सीकर व चूरू से जयपुर व दिल्ली के लिए नियमित रेल सेवा की सुविधा है, लेकिन झुंझुनूं से नहीं हैं। अब रेल के बाद अपना जिला मेडिकल में भी पिछड़ गया है। चूरू में मेडिकल कॉलेज खुल गया। सीकर में मेडिकल कॉलेज खुल गया, जबकि हमारे झुंझुनूंवासी अभी इसका इंतजार कर रहे हैं। जागरूक नागरिक भी इसके लिए आगे नहीं आ रहे।
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सैकड़ों को मिलता रोजगार
कोरोना के दौरान अनेक लोग बेरोजगार हैं। यदि मेडिकल कॉलेज का कार्य शुरू होता तो चेजा मिस्त्रियों, मजदूरों, सीमेंट, ईंट, बजरी, रोडी व लौहा बेचने वालों को काम मिलता। जिले में बेरोजगारी कम होती। लेकिन हमारे जिम्मेदार अभी चुप बैठे हुए हैं।

मेडिकल कॉलेज के फायदे
-स्वास्थ्य के मामले में नए-नए रिसर्च हो सकेंगे
-पोस्ट ग्रेजुएट विद्यार्थियों के आने का फायदा
-जटिल रोगों की जांच व इलाज में फायदा
-मैनपावर बढऩे से सीखने और काम करने की क्षमता बढ़ेगी
-रोगी को ज्यादा सुविधाएं मिल सकेगी
-शिक्षक स्टाफ बढ़ेगा
-जिले के विद्यार्थियों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा
-बड़ी और जटिल जांच यहां हो सकेगी।
-जिले का विकास तेजी से होगा।

इनका कहना है


मेडिकल कॉलेज के लिए मैं पांच दिन पहले जयपुर में मांग उठाकर आया हूं। कोरोना के कारण बड़ा समारोह तो नहीं होग, लेकिन जल्द ही इसका शिलान्यास करवाया जाएगा।
-बृजेन्द्र ओला, विधायक झुंझुनूं
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केन्द्र अपने हिस्से की राशि राज्य सरकार को भेज चुका। पिछले दिनों मुख्यमंत्री के साथ वीसी हुई थी। इसमें मैंने मेडिकल कॉलेज का मुद्दा उठाया था। जल्द ही कॉलेज का कार्य शुरू करवाया जाएगा।
नरेन्द्र कुमार, सांसद झुंझुनूं

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