शूरवीरों और किसानों की धरा झुंझुनूं की अलग ही सियासी पहचान है। कांग्रेस का गढ़ रही यह सीट पिछले दो चुनाव में लगातार भाजपा के कब्जे में है। वहीं, कांग्रेस के लिए भी अपना किला फिर से जीतने की बड़ी चुनौती है। यहां परंपरागत रूप से ओला परिवार का ही वर्चस्व रहा है।
झुंझुनू•Apr 07, 2024 / 02:18 pm•
Akshita Deora
शूरवीरों और किसानों की धरा झुंझुनूं की अलग ही सियासी पहचान है। कांग्रेस का गढ़ रही यह सीट पिछले दो चुनाव में लगातार भाजपा के कब्जे में है। वहीं, कांग्रेस के लिए भी अपना किला फिर से जीतने की बड़ी चुनौती है। यहां परंपरागत रूप से ओला परिवार का ही वर्चस्व रहा है। इसीलिए कांग्रेस ने अपने सबसे विश्वस्त और दिग्गज झुंझुनूं विधायक बृजेन्द्र सिंह ओला को मैदान में उतारा है। उनके मुकाबले में भाजपा से पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी हैं। झुंझुनूं की जनता का क्या रुझान है… इसकी पड़ताल करने लोगों से मिला तो लगा कि सेना और किसानी से जुड़े मददाताओं की संख्या सर्वाधिक होने से इन दोनों वर्गों के मुद्दे ही लोकसभा क्षेत्र की सियासत की दिशा तय करते हैं। नीमकाथाना से उदयपुरवाटी जाते हुए जड़ाया के प्राचीन बालाजी मंदिर पर रुका तो वहां संध्या-आरती हो रही थी।
वहां मदनलाल बानरिया, सीताराम, ओमप्रकाश आदि से बातचीत शुरू की। उनकी राय में यहां मोदी फैक्टर काम करेगा। रामजीलाल लाम्बा ने कहा, अग्निवीर योजना ने युवाओं के सपनों को कुचल दिया है। युवा विकास कुमार ने तल्खी के साथ सवाल उठाया कि ओला परिवार कई वर्षों से राजनीति कर रहा है, झुंझुनूं में उसी परिवार का ठेका कैसे हो सकता है। सीताराम ने कहा कि कांग्रेस के पास ओला के अलावा कोई प्रत्याशी ही नहीं है। यहां से मैंने झुंझुनूं जिला मुख्यालय की ओर रुख किया।
Hindi News / Jhunjhunu / Lok Sabha Election 2024: राजस्थान की इस हॉट सीट पर एक ही सवाल मोदी फैक्टर चलेगा या फिर ओला परिवार का नाम