झुंझुनू

Lok Sabha Election 2024: राजस्थान की इस हॉट सीट पर एक ही सवाल मोदी फैक्टर चलेगा या फिर ओला परिवार का नाम

शूरवीरों और किसानों की धरा झुंझुनूं की अलग ही सियासी पहचान है। कांग्रेस का गढ़ रही यह सीट पिछले दो चुनाव में लगातार भाजपा के कब्जे में है। वहीं, कांग्रेस के लिए भी अपना किला फिर से जीतने की बड़ी चुनौती है। यहां परंपरागत रूप से ओला परिवार का ही वर्चस्व रहा है।

झुंझुनूApr 07, 2024 / 02:18 pm

Akshita Deora

शूरवीरों और किसानों की धरा झुंझुनूं की अलग ही सियासी पहचान है। कांग्रेस का गढ़ रही यह सीट पिछले दो चुनाव में लगातार भाजपा के कब्जे में है। वहीं, कांग्रेस के लिए भी अपना किला फिर से जीतने की बड़ी चुनौती है। यहां परंपरागत रूप से ओला परिवार का ही वर्चस्व रहा है। इसीलिए कांग्रेस ने अपने सबसे विश्वस्त और दिग्गज झुंझुनूं विधायक बृजेन्द्र सिंह ओला को मैदान में उतारा है। उनके मुकाबले में भाजपा से पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी हैं। झुंझुनूं की जनता का क्या रुझान है… इसकी पड़ताल करने लोगों से मिला तो लगा कि सेना और किसानी से जुड़े मददाताओं की संख्या सर्वाधिक होने से इन दोनों वर्गों के मुद्दे ही लोकसभा क्षेत्र की सियासत की दिशा तय करते हैं। नीमकाथाना से उदयपुरवाटी जाते हुए जड़ाया के प्राचीन बालाजी मंदिर पर रुका तो वहां संध्या-आरती हो रही थी।

वहां मदनलाल बानरिया, सीताराम, ओमप्रकाश आदि से बातचीत शुरू की। उनकी राय में यहां मोदी फैक्टर काम करेगा। रामजीलाल लाम्बा ने कहा, अग्निवीर योजना ने युवाओं के सपनों को कुचल दिया है। युवा विकास कुमार ने तल्खी के साथ सवाल उठाया कि ओला परिवार कई वर्षों से राजनीति कर रहा है, झुंझुनूं में उसी परिवार का ठेका कैसे हो सकता है। सीताराम ने कहा कि कांग्रेस के पास ओला के अलावा कोई प्रत्याशी ही नहीं है। यहां से मैंने झुंझुनूं जिला मुख्यालय की ओर रुख किया।

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सीट के समीकरण
झुंझुनूं लोकसभा सीट पर बृजेन्द्र ओला के पिता शीशराम ओला 1996 से 2009 तक लगातार पांच बार सांसद रहे। इसके बाद भाजपा लगातार दो बार से यहां से विजयी है। संतोष अहलावत 2014 में और नरेन्द्र कुमार 2019 में जीते।

लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा सीटों में से झुंझुनूं, मंडावा, सूरजगढ़, पिलानी, उदयपुरवाटी और फतेहपुर में कांग्रेस के विधायक हैं। नवलगढ़ और खेतड़ी में भाजपा विजयी रही। इस आधार पर कांग्रेस की संभावनाओं वाली सीटों में झुंझुनूं भी एक है।
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सभी को देखाहमारा दर्द वहीं
झुंझुनूं संसदीय क्षेत्र में अहम दखल रखने वाले और अल्पसंख्यक बहुल फतेहपुर में बस स्टैण्ड पर पहुंचा तो चाय की एक थड़ी पर कुछ लोग चुनावी चर्चा में मशगूल दिखे। रसीद गौरी ने बताया कि झुंझुनूं सीट पर टक्कर तो पक्की है। इस बीच नवाब ने कहा, हमने तो सभी को देख लिया, कोई भी हमारी समस्याएं नहीं दूर कर सकता। फतेहपुर बस स्टैण्ड पर बारिश के दौरान इतना पानी भरता है कि यहां आना-जाना बंद हो जाता है।

पानी बड़ी समस्या
पिलानी विधानसभा क्षेत्र के चिड़ावा कस्बे में एक ट्रैक्टर वर्कशॉप के बाहर लोगों से बात की तो उनका दर्द छलक आया। कुलदीप बुगालिया ने कहा, पानी की कमी और बेरोजगारी क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या है। संदीप और बीरबल सिंह ने कहा कुम्भाराम लिफ्ट परियोजना लागू नहीं होना बहुत बड़ी विफलता है। राजेश अजीतपुरिया बोले शेखावाटी के किसान और सेना में भर्ती होने वाले युवा दोनों ही छले गए हैं। विकास डांगी की राय इनसे जुदा थी, उन्होंने कहा, भाजपा के सांसद बनने के बाद क्षेत्र में विकास हुआ है।

युवा बोले, देश भर में पीएम मोदी का माहौल
झुंझुनूं के नेहरू पार्क में दस-बारह लोग योगासन के बाद सियासी चर्चा में मशगूल थे। करीब दस मिनट तक उनके वार्तालाप को सुना। सार यही था कि यहां मोदी बनाम ओला में मुकाबला है। पार्क में घूम रहे युवा शुभम, निखार और तरूण जैसे युवाओं की राय थी कि देश में मोदी का माहौल है। मंजू मंगल, शीला और संतोष गर्ग का मत था कि दो बार भाजपा का शासन देख लिया इस बार कांग्रेस को देखते हैं।

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