यमुना का पानी राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र को देने को लेकर सत्रह फरवरी को नई दिल्ली में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर व राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के बीच सहमति बनी थी। सहमति के अनुसार नई डीपीआर चार माह में तैयार होनी है। यमुना जल समझौते की पालना में बनी सहमति के अनुसार हरियाणा में हथिनीकुंड बैराज के ताजेवाला हैड से यमुना का पानी शेखावाटी में सबसे पहले चूरू जिले के हांसियावास गांव में आएगा।
हांसियावास व ताम्बाखेड़ी गांव के निकट बांध बनाया जाएगा। यह कृत्रिम बांध चूरू जिले का सबसे बड़ा बांध होगा। यहां ताजेवाला हैड से लोहे के बड़े पाइपों से पानी लाया जाएगा। यमुना के पानी लाने की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) पर काम चल रहा है। यह डीपीआर जून तक बनकर तैयार हो जाएगी। पहले यह बांध राजगढ़ के निकट गोठया बड़ी गांव में बनना था, लेकिन अब सिधमुख क्षेत्र के हांसियावास गांव में बनना लगभग तय है। सिर्फ मुहर लगना बाकी है।
तीन जल भंडारण बनेंगे नई डीपीआर के अनुसार अपर यमुना बेसिन में तीन जल भंडारण रेणुकली, लखवार और किशाऊ चिह्नित किए गए हैं। यहां से राजस्थान को हथिनीकुंड से निर्धारित अवधि के लिए जल उपलब्ध कराया जाएगा। यदि संभव हुआ तो शेष समयावधि में भी पेयजल और सिंचाई की जरूरतों को पूरा किया जाएगा।
इसलिए बनेगा बांध हांसियावास गांव की हरियाणा से दूरी मात्र सात किलोमीटर है। यमुना का पानी केवल बरसात के दिनों में मिलेगा। समझौते के अनुसार पानी केवल 120 दिन जुलाई से अक्टूबर के मध्य शेखावाटी को दिया जाएगा। चूंकि उस समय शेखावाटी में भी बरसात होगी। इसलिए पानी को बड़े बांध में एकत्रित किया जाएगा। बाद में जरूरत के अनुसार लिफ्ट कर पानी को झुंझुनूं, सीकर, चूरू और नीमकाथाना जिले में उपलब्ध कराया जाएगा।
चूरू के जनप्रतिनिधि रहे आगे
यमुना का पानी सबसे पहले खुद के क्षेत्र में दिलाने में भी चूरू जिले के जनप्रतिनिधि आगे रहे। यहीं से शेखावाटी को पानी मिलेगा। कुम्भाराम लिफ्ट योजना का पानी भी सबसे पहले चूरू जिले को ही मिला। जर्मन सरकार के सहयोग से आपणी योजना भी चूरू जिले में ही शुरू हुई थी।
यमुना का पानी सबसे पहले खुद के क्षेत्र में दिलाने में भी चूरू जिले के जनप्रतिनिधि आगे रहे। यहीं से शेखावाटी को पानी मिलेगा। कुम्भाराम लिफ्ट योजना का पानी भी सबसे पहले चूरू जिले को ही मिला। जर्मन सरकार के सहयोग से आपणी योजना भी चूरू जिले में ही शुरू हुई थी।
अजीत सागर में ला सकते थे झुंझुनूं जिले के किसान नेताओं का कहना है हमारे जनप्रतिनिधि जागरूक होते तो पानी खेतड़ी के अजीत सागर में ला सकते थे। इसके अलावा सूरजगढ़, बुहाना, पचेरी या सिंघाना के निकट गांवों में बांध बनाया जा सकता था।17 फरवरी को बनी सहमति
यमुना का पानी शेखावाटी को देने को लेकर सत्रह फरवरी को नई दिल्लली में केन्द्रीय जल श क्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर व राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के बीच सहमति बनी है। सहमति के अनुसार नई डीपीआर बनाई जाएगी। यह चार माह में तैयार हो जाएगी। बैठक में सेंट्रल वॉटर कमीशन और अपर यमुना रीवर बोर्ड की भी इसमें भागीदारी रही।
इनका कहना है
सबसे पहले पानी चूरू जिले के हांसियावास गांव में आएगा। यहां बडा बांध बनाया जाएगा। इसके बाद पानी चूरू, सीकर, झुंझुनूं व नीमकाथाना जिले को दिया जाएगा। – यशवर्धन सिंह शेखावत, संयोजक, यमुना जल संघर्ष समिति