एक ही बहाना रेडियोलॉजिस्ट नहीं मिल रहा तत्कालीन जिला कलक्टर लक्ष्मणसिंह कूड़ी के आदेश के बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने आज तक सोनोग्राफी मशीनों को लगाना उचित नहीं समझा। कुड़ी ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल प्रबंधन को संविदा पर रेडियोलॉजिस्ट लगाने के निर्देश दिए थे। परंतु इस संबंध में किसी प्रकार की कोई निविदा तक ही नहीं निकाली गई।
ब्लड सेपरेशन यूनिट फांक रही धूल बीडीके अस्पताल में लाखों रुपए की लागत से खरीदी गई ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट ब्लड बैंक के स्टोर में धूल फांक रही है। ब्लड सेपरेशन के साथ सेट्रीफ्यूज मशीन व तकनीकी सुपरवाइजर की जरूरत होती है। दोनों ही नहीं होने की वजह से मशीन शुरू नहीं हो पाई है। बीडीके में मशीन शुरू नहीं होने के कारण गंभीर रोगियों को शहर के निजी अस्पताल या फिर जयपुर में जाकर इलाज करवाना पड़ रहा है। इससे उन पर आर्थिक भार बढ़ रहा है।
इन बीमारियों में जरूरत होती है ब्लड सेपरेशन यूनिट की डेंगू सहित अन्य बीमारियों में प्लेटलेट्स कम होने पर रोगी को प्लाज्मा की जरूरत होती है। ब्लड सेपरेशन यूनिट मशीन की खासियत यह है कि इसके माध्यम से ब्लड डोनर के खून से प्लेटलेट्स निकालकर खून वापस उसके शरीर में ब्लीडिंग सेट से चला जाता है। लेकिन बीडीके अस्पताल में मशीन होने के बावजूद इसका रोगियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।