झुंझुनू

झुंझुनूं शहर में 13 साल में 35 % हिस्से में ही डली सीवरेज लाइन, बाकी शहर परेशान, जिम्मेदारों का नहीं ध्यान

झुंझुनूं के शहर व कस्बों से निकलने वाले गंदे पानी के समाधान को लेकर प्रशासन गंभीर नजर नहीं आ रहा। जिले में कई जगह सीवरेज नहीं होने से लोग परेशान हैं लेकिन जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे। झुंझुनूं शहर की हालत भी खराब है। यहां सीवरेज के कार्य की शुरुआत 2010 में की गई थी। इस कार्य को 13 साल बीत गए लेकिन अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण 13 साल में शहर के मात्र 35 फीसदी हिस्से में ही काम हो पाया है।

झुंझुनूJan 07, 2024 / 04:29 pm

Ashish

झुंझुनूं के शहर व कस्बों से निकलने वाले गंदे पानी के समाधान को लेकर प्रशासन गंभीर नजर नहीं आ रहा। जिले में कई जगह सीवरेज नहीं होने से लोग परेशान हैं लेकिन जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे। झुंझुनूं शहर की हालत भी खराब है। यहां सीवरेज के कार्य की शुरुआत 2010 में की गई थी। इस कार्य को 13 साल बीत गए लेकिन अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण 13 साल में शहर के मात्र 35 फीसदी हिस्से में ही काम हो पाया है। सीवरेज का यह कार्य कभी शुरू हुआ तो कभी बंद। यह सिलसिला अब तक चलता आ रहा है। बाकी के 65 फीसदी हिस्से में सीवरेज का काम ही नहीं हुआ। इस हिसाब से देखा जाए तो पूरे शहर में सीवरेज की सुविधा मिलने में सालों लग जाएंगे।

फाइल
नगर परिषद झुंझुनूं में वार्ड – 60
आबादी – करीब 1.50 लाख
सीवरेज का काम शुरू हुआ – 2010
सीवरेज से शहर का कवर प्रतिशत – 35 प्रतिशत
बजट खर्च हुआ – 200 करोड़ रुपए से अधिक

ये क्षेत्र आज भी वंचित
रीको से लेकर बाकरा मोड़, गुढ़ामोड़, विज्ञान नगर, नेता की ढाणी, गोलाई मोड़, सूर्य विहार, छैलाराम नगर, पंचदेव मंदिर, धूपिया कालोनी, अग्रसेन सर्किल, मोडा पहाड़ के पास, चूरू रोड क्षेत्र समेत शहर के चारों तरफ की कालोनियों सीवरेज से वंचित हैं।

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ये कार्य शुरू हो तो मिले राहत
शहर के 65 फीसदी बकाया आबादी क्षेत्र में सीवरेज का नेटवर्क बिछाया जाए
जहां पर काम हो चुका वहां पर आरयूआइडीपी की ओर से बकाया छोड़े गए कनेक्शन किए जाएं
गुढ़ा रोड पर महिला थाने के पास एसटीपी का काम शुरू किया जाए
रीको से लेकर बाकरा मोड़, गुढ़ा मोड़ होते हुए गोलाई मोड़ तक 30 किलोमीटर के क्षेत्र में सीवरेज का नेटवर्क तैयार किया जाए
बीड़ स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में बंद पड़े आठ एमएलडी के दूसरे प्लांट को शुरू किया जाए

कई महीनों से बंद पड़ा है काम
शहर में कई महीनों से सीवरेज का काम बंद है। 2010 में शिलान्यास के बाद शुरू हुए सीवरेज के कार्य की जिम्मेदारी आरयूआइडीपी की थी। आरयूआइडीपी ने जिन एजेंसियों को टेंडर दिए गए उनकी काम करने की धीमी गति की वजह से उन्हें टर्मिनेट कर दूसरी एजेंसियों को भी टेंडर दिए गए। लेकिन हाल वही रहा। रेंगते – रेंगते 2022 बीत जाने के बाद 35 फीसदी शहर के पाइप लाइन डालने का काम भी ठीक तरीके से सिरे नहीं चढ़ पाया।

नगर परिषद का तीसरा बोर्ड, काम अभी अधूरा
सीवरेज का काम चलते हुए 13 साल हो चुके हैं। नगर परिषद का यह तीसरा बोर्ड चल रहा है। 2010 में कांग्रेस के बोर्ड में काम शुरू हुआ। इसके बाद भाजपा का बोर्ड आया तब भी काम पूरा नहीं हो पाया और अब फिर कांग्रेस का बोर्ड चल रहा है। लेकिन सीवरेज के काम को अभी भी गति नहीं मिल पाई है।

इनका कहना है…
सीवरेज का काम अभी शुरू हुआ है। पहले के बकाया कनेक्शन और लेवलिंग का काम चल रहा है। 78 करोड़ रुपए की लागत से सीवरेज से संबंधित काम शुरू किए जाएंगे।
दिलीप पूनियां, आयुक्त नगर परिषद (झुंझुनूं)

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