दरअसल, झुंझुनूं में चुनाव के प्रचार के दौरान एक सभा में गहलोत सरकार में पूर्व मंत्री रहे राजेंद्र गुढ़ा ने भारत में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारों को जायज ठहराया है। राजेन्द्र गुढ़ा ने इसको लेकर अजीबो-गरीब दलील भी दी है। गुढ़ा ने कहा कि संविधान में कहां लिखा कि भारत में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे नहीं लगा सकते।
राजेंद्र गुढ़ा ने आगे कहा कि जब भारत में पाकिस्तानी एंबेसी है, जहां पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगते हैं, पाकिस्तान का राष्ट्रगान भी गाया जाता है। वहीं, पाकिस्तान में भी भारत की एंबेसी है, जहां भारत जिंदाबाद के नारे लगते हैं। तो फिर बाकी जगह पाकिस्तान जिंदाबाद कहने में क्या हर्ज है। कौन से संविधान में इनकी मनाही की गई है?
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विवादित बयानों से रहा है नाता
इससे पहले भी राजेंद्र गुढ़ा विवादित बयानों से चर्चा में रहे हैं। कुछ दिन पहले उन्होंने एक जाति विशेष के अधिकारी और नेताओं को टारगेट किया था और कहा था कि झुंझुनूं में सिर्फ एक ही जाति के नेता और अधिकारी क्यों है? इसके अलावा कुछ दिन पहले भी उन्होंने एक पुलिस अधिकारी को धमकी दी थी। लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि पुलिस अधिकारी वर्दी पहनकर दादागीरी कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि वर्दी खोलकर आ जाओ, 60 सेकंड नहीं लगेंगे। अगर लगा तो समझ लेना मैंने अपनी का मां का दूध नहीं पीया है।झुंझुनूं में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला
झुंझुनू विधानसभा में विधायक बृजेंद्र ओला के झुंझुनू से सांसद बनने के बाद यहां उपचुनाव हो रहे हैं। कांग्रेस से ओला परिवार की तीसरी पीढ़ी से अमित ओला पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। यहां से ओला परिवार का किला ढहाने के लिए इस बार बीजेपी ने जाट उम्मीदवार राजेंद्र भांबू को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने निर्दलीय ताल ठोककर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। यह भी पढ़ें