देवरोड में करवा चुके नेशनल प्रतियोगिता-
शारीरिक शिक्षक धनखड़ ने देवरोड में दो बार नेशनल वॉलीबाल प्रतियोगिता आयोजन में भी मुख्य योगदान दिया। उन्होंने 2018 में सब जूनियर, 2019 में यूथ नेशनल वॉलीबाल तथा 2019 में 64 वीं राज्यस्तरीय विद्यालयी छात्र एथेलेटिक्स प्रतियोगिता के अलावा कलक्टर की स्कूल विद डिफेंस कोचिंग का भी विद्यालय में संचालन करवाया। जिसके कारण 25 छात्र-छात्राओं का चयन हुआ। उन्होंने विद्यालय और खेल मैदान में आठ से ज्यादा पौधे लगवाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
शारीरिक शिक्षक धनखड़ ने देवरोड में दो बार नेशनल वॉलीबाल प्रतियोगिता आयोजन में भी मुख्य योगदान दिया। उन्होंने 2018 में सब जूनियर, 2019 में यूथ नेशनल वॉलीबाल तथा 2019 में 64 वीं राज्यस्तरीय विद्यालयी छात्र एथेलेटिक्स प्रतियोगिता के अलावा कलक्टर की स्कूल विद डिफेंस कोचिंग का भी विद्यालय में संचालन करवाया। जिसके कारण 25 छात्र-छात्राओं का चयन हुआ। उन्होंने विद्यालय और खेल मैदान में आठ से ज्यादा पौधे लगवाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
#jay singh dhankar jhunjhunu
चार घंटे नियमित प्रशिक्षण-
धनखड़ ने देवरोड विद्यालय में नियमित रूप से प्रतिदिन चार घंटे खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया। जिसके लिए सुबह पांच तथा शाम पांच बजे मैदान में पहुंचे। धनखड़ के बड़े भाई रतनवीर धनखड़ और महेंद्र धनखड़ ने बताया कि जयसिंह का खेल और शिक्षा को बढ़ावा देने का जुनून सवार है। उन्होंने बताया कि घर पर जरूरी कार्य होने के बावजूद छात्रों का प्रशिक्षण नहीं छोड़ा। उन्होंने विद्यालय विकास में तीन साल के दौरान सवा लाख के करीब योगदान भी दिया। उन्होंने भामाशाहों को प्रेरित कर 45 लाख से ज्यादा का सहयोग करवाया।
चार घंटे नियमित प्रशिक्षण-
धनखड़ ने देवरोड विद्यालय में नियमित रूप से प्रतिदिन चार घंटे खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया। जिसके लिए सुबह पांच तथा शाम पांच बजे मैदान में पहुंचे। धनखड़ के बड़े भाई रतनवीर धनखड़ और महेंद्र धनखड़ ने बताया कि जयसिंह का खेल और शिक्षा को बढ़ावा देने का जुनून सवार है। उन्होंने बताया कि घर पर जरूरी कार्य होने के बावजूद छात्रों का प्रशिक्षण नहीं छोड़ा। उन्होंने विद्यालय विकास में तीन साल के दौरान सवा लाख के करीब योगदान भी दिया। उन्होंने भामाशाहों को प्रेरित कर 45 लाख से ज्यादा का सहयोग करवाया।
नाम-जयसिंह धनखड़
पिता-रामजीलाल धनखड़
निवासी-जोडिय़ा (किठाना)
जन्मतिथि-15 जुलाई 1973
पदस्थापन-28 अगस्त 1998
वर्तमान कार्यस्थल-राजकीय उमावि, देवरोड (सूरजगढ़)
पुरस्कार-वर्ष 2014 में राज्य शिक्षक पुरस्कार, 18 फरवरी 2021 को संभागीय आयुक्त से सम्मानित, वर्ष 2008 व 2013 में जिलास्तरीय पुरस्कार
पिता-रामजीलाल धनखड़
निवासी-जोडिय़ा (किठाना)
जन्मतिथि-15 जुलाई 1973
पदस्थापन-28 अगस्त 1998
वर्तमान कार्यस्थल-राजकीय उमावि, देवरोड (सूरजगढ़)
पुरस्कार-वर्ष 2014 में राज्य शिक्षक पुरस्कार, 18 फरवरी 2021 को संभागीय आयुक्त से सम्मानित, वर्ष 2008 व 2013 में जिलास्तरीय पुरस्कार