वहीं दूसरी बेटी पूजा शहीद हरिप्रसाद मल होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज बड़हलगंज गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) में द्वितीय वर्ष की छात्रा है। इनके पिता प्रकाश रसगनियां गांव में ही जूती सिलाई का कार्य करते हैं और मां छोटी देवी मनरेगा में मजदूरी करती है। सभी सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों का सामना करते हुए उन्होंने अपनी बेटियों को डॉक्टर बनाया। वहीं बेटियां भी गरीब बच्चों की सेवा में जुटी हैं।
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अब तक 66 का सहयोग
संस्था से जुड़े सीए अनिल खंडेलवाल ने पत्रिका को बताया कि शेपिंग फ्यूचर संस्था जरूरतमंद 66 बच्चों का सहयोग कर चुकी हैं। इसमें झुंझुनूं के आरआरका मोरारका कॉलेज में सीए की छात्रा बड़ागांव निवासी प्रिया शर्मा, इंजीनियरिंग कोर्स कर रहे चिड़ावा के विनय सैनी व यूपीएससी की तैयारी कर रही चिड़ावा की रक्षा सैनी भी शामिल हैं। संस्था का 100 बच्चों का सहयोग करने का लक्ष्य है।
खबर पढ़कर की घोषणा
पत्रिका में मंगलवार के अंक में ‘जूते सिलने वाला दुनिया से लड़ बेटियों को बना रहा डॉक्टर’ शीर्षक से प्रकाशित खबर पढ़कर शेपिंग फ्यूचर संस्था ने पत्रिका के जरिए प्रकाश से सम्पर्क किया। इसके बाद संस्था ने बेटी अंजेश की पढ़ाई का खर्चा उठाने की घोषणा की है। वहीं पूजा की पढ़ाई का खर्चा उठाने के लिए संस्था की स्क्रीनिंग कमेटी में प्रस्ताव रखा गया है।
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यूं करती है संस्था मदद
सीए अनिल खंडेलवाल ने बताया कि उनकी संस्था का न तो कोई बैंक अकाउंट है और ना ही किसी एनजीओ से रजिस्ट्रेशन। यह एक अच्छे लोगों का ग्रुप है। इसमें डीजीपी तक भी जुड़े हैं। ग्रुप की स्क्रीनिंग कमेटी की स्वीकृति के बाद जरूरतमंद व होनहार बच्चों की मदद की जाती है। खंडेलवाल ने बताया कि उनकी संस्था प्रोफेसनल कोर्स चार्टर्ड अकाउंटेंट, मेडिकल, इंजीनियरिंग, लॉ, यूपीएससी की तैयारी करने वाले जरूरतमंद विद्यार्थियों की मदद करती है। उनके पास अब तक इसके लिए लगभग एक करोड़ 43 लाख का फंड एकत्रित हो चुका। इसमें लगभग 21 लाख रुपए का सहयोग कर चुके हैं।