बजरी के अवैध निर्गमन के लिए क्षेत्रीय वाहनों के अलावा सीकर, झुंझुनूं, रिंगस, खाटूश्यामजी, नीमकाथाना, श्रीमाधोपुर सहित अन्य क्षेत्र के वाहन कटली नदी में बने अलग-अलग मोर्चा में पहुंचते हैं। ट्रैक्टर- ट्राली, डंपर सहित अन्य वाहनों की बाघोली मुख्य बस स्टैंड, पचलंगी सुख नदी तट पर, मावता,ताल मंडावरा बस स्टैंड पर दिन ढलते ही कतार लग जाती है। काटली की सुरक्षा में लगे खनिज, पुलिस, राजस्व सहित अन्य विभागों की जिम्मेदारों से अवैध खनन के बारे में जानकारी ली जाती है तो वह अवैध खनन होना मानते ही नहीं।
सड़क निर्माण की आड़ में भी जगह-जगह अवैध खनन
काटली नदी बहाव क्षेत्र में बन रही बाघोली से एन एच 52 ठीकरिया को जोड़ने वाले सड़क मार्ग के निर्माण के नाम पर भी जगह-जगह पर बजरी का अवैध खनन हो रहा है। सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा संबंधित ठेकेदार को लिखित रूप से नोटिस भी दिया गया है की सड़क निर्माण की आड़ में कहीं कोई अवैध खनन हो रहा है तो उसके जिम्मेदार आप ही होंगे।एक गाड़ी के भरोसे काटली की सुरक्षा व्यवस्था
काटली नदी की सुरक्षा में लगे खनिज विभाग के अधिकारियों की माने तो एक गाड़ी के भरोसे काटली नदी की सुरक्षा व्यवस्था है। जिसमें उदयपुरवाटी उपखंड में सबसे ज्यादा बजरी का अवैध खनन होता है। उसमे मात्र एक दिन सुरक्षा के लिए तैनात अधिकारियों को विभाग की ओर से गाड़ी मिलती है। इसलिए यह प्रश्न उठता है कि काटली की कैसे हो सुरक्षा।सुरक्षा के लिए तैनात कई विभाग कौन करें करवाई
काटली नदी की सुरक्षा के तहत अवैध खनन रोक की कार्रवाई करने के लिए जहां उच्च प्रशासन, खनिज, पुलिस, राजस्व, वन, परिवहन सहित अन्य विभाग तैनात हैं। लेकिन यह सब कागजों तक ही सीमित है। अवैध खनन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। यदि कभी कबार की जाती है तो अवैध निर्गमन करने वाले वाहनों पर की जाती है। अवैध खनन रोकने के लिए काटली सहित पहाड़ी क्षेत्र में खनिज विभाग के द्वारा कार्रवाई की जा रही है। कहीं कोई शिकायत है तो संबंधित क्षेत्रीय अधिकारी से जानकारी लेकर खनन माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रामलाल सिंह, जिला खनिज अधिकारी खनिज विभाग झुंझुनूं।
जिला मुख्यालय के द्वारा सप्ताह में अवैध खनन परकार्रवाई के लिए एक दिन सरकारी वाहन आवंटित है। क्षेत्र लंबा होने व हेड क्वार्टर से दूरी होने पर लोगों की सूचना पर समय पर नहीं पहुंचा जा सकता।–शिवांग पारीक कार्यदेशक खनिज विभाग झुंझुनूं।