घर व खेत में बना दिया मैदान
मांगीराम ने बेटियों को अपने खेत में दौड़ लगवाना शुरू किया। खेत में बालू के कारण दौड़ने में परेशानी आई तो गांव के जोहड़ में ट्रैक्टर से ट्रैक बना दिया। तीनों बेटियों ने 10 साल पहले वहां तैयारी की। अब मंजू स्वर्ण जयंती स्टेडियम झुंझुनूं में चल रहे भारत सरकार के खेलो इंडिया सेंटर पर कोच अनिल भाकर व सुरेन्द्र के नेतृत्व में तैयारी कर रही है, पूजा दिल्ली में तैयारी कर रही है। यह भी पढ़ें
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मंजू व पूजा ने बताया कि जब छोटी थी, तब मां का निधन हो गया। पिता ने ही खेलों के प्रति आगे बढ़ाने में महत्ती भूमिका निभाई। पिता हमारे लिए पूरी कमाई पढ़ाई व खेलों पर खर्च कर रहे हैं। हमें पिता पर गर्व है। वहीं पिता ने कहा कि म्हारी छोरियां छोरां सूं कम है के…।एसएसबी में चयन
पूजा : सबसे बड़ी बेटी पूजा ने स्कूल स्तर पर पदक जीता था। इसके बाद वह पांच किमी रेस में जूनियर और सीनियर वर्ग में राजस्थान की चैम्पियन रह चुकी। खिलाड़ी कोटे से उसका चयन सशस्त्र सीमा बल ( SSB) में हो गया। अब वह एसएसबी की तरफ से नेशनल लेवल पर पांच किमी दौड़ में शामिल हो रही है।पदक जीत किया नाम रोशन
मंजू : तीसरे नंबर की बेटी मंजू 18 व 21 वर्ष आयु वर्ग में स्टेट लेवल पर रजत व कांस्य पदक जीत चुकी है। हाल ही भुवनेश्वर में हुई नेशनल लेवल की प्रतियोगिता में 1500 मीटर दौड़ में कांस्य पदक व तीन किमी की स्टीपल चेस में रजत पदक जीता। जयपुर में हुई राजस्थान क्रोस कंट्री में छह किमी की दौड़ में उसने स्वर्ण पदक जीता है। अब वह खेलो इंडिया नेशनल गेम्स की तैयारी कर रही है। मुस्कान व प्रियंका : चौथे नंबर की बेटी मुस्कान भी दोनों बहनों से प्रेरित होकर एथलेटिक्स की तैयारी कर रही है। अभी वह पदक का इंतजार कर रही है, जबकि दूसरे नंबर की प्रियंका की शादी हो चुकी है।
तैयारी अच्छी चल रही है
मंजू की तैयारी अच्छी चल रही है। उम्मीद है वह नेशनल गेम्स व खेलो इंडिया में पदक जीतकर आएगी।राजेश ओला, जिला खेल अधिकारी यह भी पढ़ें : शिक्षा विभाग का नया फरमान, राजस्थान में शिक्षक सम्मेलनों की अब होगी वीडियोग्राफी, जानें क्यों