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Dussehra 2024: राजस्थान में यहां अब रावण के पुतले पर नहीं चलेगी बंदूकों से गोली

अधिकारियों ने रावण दहन के दौरान नए कानून के तहत बंदूकें चलाने की अनुमति नहीं दी है। इसके बाद दशहरा उत्सव समिति की बैठक हुई। इसमें निर्णय लिया गया है कि रावण दहन के दौरान परम्परा के तहत आतिशबाजी की जाएगी।

झुंझुनूOct 11, 2024 / 11:06 am

Santosh Trivedi

udaipurwati Dussehra 2024

File Photo

Dussehra 2024: उदयपुरवाटी कस्बे में इस बार दशहरे के दिन रावण व उसकी सेना पर बंदूकों से गोली नहीं चलाने की अनुमति नहीं मिलने के बाद दशहरा उत्सव समिति ने भी रावण दहन की नई परम्परा शुरू करने का निर्णय कर लिया है। इसके तहत बंदूकी जगह रावण व उसकी सेना पर तीर बरसाए जाएंगे।

समिति का निर्णय

रावण दहन उत्सव समिति के संयोजक शिवदयाल स्वामी ने बताया कि रावण दहन को लेकर वर्षों से चली आ रही परम्परा को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ दशहरा उत्सव समिति की बैठक हुई। इसमें अधिकारियों ने रावण दहन के दौरान नए कानून के तहत बंदूकें चलाने की अनुमति नहीं दी है। इसके बाद दशहरा उत्सव समिति की बैठक हुई। इसमें निर्णय लिया गया है कि रावण दहन के दौरान परम्परा के तहत आतिशबाजी की जाएगी। रावण व सेना के रूप में रखे जाने वाले मटकों को तीरों से फोड़ा जाएगा।

यह रही है परम्परा

परम्परा के अनुसार दादूपंथी समाज के लोग जमात से पांचों अखाड़ों के लवाजमे के साथ नांगल नदी पर रावण दहन के लिए पहुंचते हैं। जहां पर रावण दहन से पहले रावण के पुतले व रावण की सेना के रूप में रखे सफेद रंग के मटकों को दादूपंथी सेना बंदूकों से छलनी करती है। इसके बाद पारम्परिक बाण चलाकर रावण का दहन किया जाता है। बताया जा रहा है कि यह परम्परा करीब 126 साल से चली आ रही है।

इनका कहना है

आर्म्स एक्ट के तहत सार्वजनिक जगहों व धार्मिक स्थलों पर बंदूकों का प्रयोग नहीं किया जा सकता है।
-राजेश चौधरी, सीआई उदयपुरवाटी

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