अंकित का मुकाबला अफगानिस्तान के बॉक्सर आशिफ मुस्तफा से हुआ। इसमें अंकित जांगिड़ ने 3 मिनट के 4 राउंड में आशिफ को हराकर खिताब जीता। अंकित राजस्थान का सबसे पहला प्रो बॉक्सर है। वह इससे पहले भी राजस्थान व राष्ट्रीय स्तर पर बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में हिस्सा लेकर खिताब जीत चुका है। फिलहाल दुबई के जिम राउंड टेन बॉक्सिंग क्लब में तैयारी कर रहा है। अंकित जांगिड़ के पिता संतकुमार चिड़ावा में कारपेंटर हैं और मां सुमन गृहिणी है। उसके दो छोटी बहन हैं।
राजस्थान में राजनीति ज्यादा
अंकित ने कहा कि राजस्थान में खेलों में राजनीति ज्यादा है। यहां कई बार ऐसा होता है श्रेष्ठ खिलाड़ियों को आगे नहीं आने दिया गया। इसलिए मैं अब प्रोफेशनल बॉक्सिंग खेल रहा हूं। अब सपना इसमें कॅरियर बनाने का है। अगले माह फिर दुबई में डब्ल्यू डब्ल्यू जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता है। अब उसमे बेल्ट जीतने का सपना है। पहले सीकर के राधेश्याम जांगिड़ ने उनकी मदद की, अब उनका पूरा खर्चा मुम्बई निवासी आदेश गावड़े वहन कर रहे हैं।
हार नहीं मानी, घरवालों को मनाया, अब सब खुश
अंकित ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि बारहवीं कक्षा तक पढा तब तक बॉक्सिंग के बारे में कुछ नहीं जानता था। दौड़ मेरी पहली पसंद थी। इसलिए गांव सैदपुर से कभी ऑटो में, कभी साइकिल से तो कभी दौड़कर चिड़ावा जिम करने चले जाता था। फिर चाचाजी के माध्यम से अर्जुन पुरस्कार विजेता अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर हरियाणा के मंदीप जांगड़ा से मुलाकात हुई। उन्होंने भाई की तरह सपोर्ट किया, बॉक्सिंग के गुर सिखाए। राजस्थान में चयन नहीं होने पर उन्होंने मुझे ट्रेनिंग करने यूएई भेज दिया। अब प्रोफेशनल बॉक्सर बनकर विदेशी मुक्केबाजों को धूल चटा रहा हूं। माता-पिता पढ़ा लिखाकर नौकरी करवाना चाहते थे, लेकिन मेरा सपना खेलों में कॅरियर बनाने का रहा। अब माता-पिता भी खुश हैं।