झुंझुनू

चिकित्सक ने कलक्टर से मांगी इच्छा मृत्यु, बोले-घर पर सोलर पैनल लगाया, फिर भी भारी भरकम बिल दे रहे हैं

झुंझुनूं शहर के वार्ड नंबर एक में रहने वाले चिकित्सक ने जिला कलक्टर से इच्छा मृत्यु देने की मांग की है।

झुंझुनूDec 05, 2024 / 07:54 pm

Kamlesh Sharma

डॉ. मनीष कुमार सैनी

झुंझुनूं। शहर के वार्ड नंबर एक में रहने वाले चिकित्सक ने जिला कलक्टर से इच्छा मृत्यु देने की मांग की है। फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. मनीष कुमार सैनी की ओर से जिला कलक्टर को दिए पत्र में लिखा है कि घर पर सोलर पैनल लगाने के बावजूद हर महीने करीब 30 हजार रुपए के बिजली के बिल निगम की ओर से भेजे जा रहे हैं। निगम के एईएन, जेईएन और लाइनमैन जानबूझकर ऐसा कर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। इससे वे मानसिक रूप से परेशान हो चुके हैं, उन्हें इच्छा मृत्यु की इजाजत दी जाए। डॉ. मनीष कुमार सैनी के घर का बिजली कनेक्शन उनकी पत्नी मनीषा सैनी के नाम है। मामला सामने आने के बाद निगम ने गलती मानते हुए बिल में संशोधन कर चिकित्सक को दिया है।

कनेक्शन काटने की देते हैं धमकी

डॉ. सैनी ने बताया कि उन्होंने सरकारी योजना के तहत 5 महीने पहले दस केवी का सोलर पैनल लगाया था। घर पर केवल वे खुद और उनकी पत्नी ही रहते हैं। बिजली खर्च नहीं होने के बावजूद लगातार भारी भरकम बिल भेजा रहा है। 4 महीने में उन्होंने कई बार इस बारे में प्रार्थना पत्र दे दिया। लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्हें डराया जा रहा है कि उनका कनेक्शन काट दिया जाएगा। इसलिए आपसे निवेदन है कि उन्हें इच्छा मृत्यु की इजाजत दें, ताकि इस मानसिक रूप से प्रताड़ना से बच सकें। चिकित्सक की मौत के जिम्मेदार राजस्थान सरकार, ऊर्जा मंत्री और झुंझुनूं के सभी बिजली निगम के कर्मचारी होंगे।
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एवरेज बिल जारी हो गया, संशोधित कराकर बिल दे दिया

चिकित्सक के लोड बढ़वाने पर उनका मीटर बदला गया था। इसके बाद इन्होंने एक बिल जमा नहीं कराया। फिर दूसरा बिल आया तो वह 31 हजार रुपए हो गया। इसके बाद इन्होंने सोलर के लिए आवेदन किया तो फिर से मीटर बदला गया। लेकिन बदले गए मीटर विभाग के कंप्यूटर में फीड नहीं हुआ। इस पर एवरेज बिल जारी हो गया। इन्होंने सोलर पैनल भी नौ दिसंबर को ही लगाया है। एवरेज बिल जारी होने से चिकित्सक एआरओ के पास गए होंगे, वहां पर इनकी क्या बात हुई पता नहीं है। इससे नाराज होकर जिला कलक्टर के पास चले गए। मेरे पास फोन आया तो एईएन और एआरओ से पूछा तो उनका कहना था कि बिल संशोधित कर दिया। इस पर चिकित्सक को बुलाकर उन्हें संशोधित बिल दे दिया गया है।
महेश कुमार टीबड़ा, अधीक्षण अभियंता झुंझुनूं

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