शिकागो में 11 सितम्बर, 1893 को विश्व धर्म सम्मेलन में ऐतिहासिक सम्बोधन के बाद उन्होंने राजस्थान के खेतड़ी के तत्कालीन राजा अजीत सिंह को फोनोग्राफ से चार मिनट का ऑडियो संदेश भेजा था। यह हिंदी में था। स्वामी विवेकानंद के संबोधन की तारीख (11 सितंबर) को दिग्विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
खेतड़ी के लोगों को संदेश सुनाने के लिए राजा अजीत सिंह ने महल के ‘दरबार हॉल’ में खास दरबार का आयोजन किया था। उस समय खेतड़ी के राजा के पास भी फोनोग्राफ था। इसके जरिए खेतड़ी वासियों को संदेश सुनाया गया। खेतड़ी के राजा का फोनोग्राफ वेलूर मठ के संग्रहालय में सुरक्षित है।
फोनोग्राफ ध्वनि के अभिलेखन के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला उपकरण है। इसका आविष्कार 1877 में हुआ। इसे ग्रामोफोन या रेकॉर्ड प्लेयर के रूप में भी जाना जाता है। तकनीक के साथ इसमे बदलाव होते गए।
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