देवेन्द्र ने बनाया देश में माहौल
जेवेलियन थ्रो को पहले बहुत कम लोग जानते थे। लेकिन देवेन्द्र झाझडिय़ा ने जैसे ही अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीते। पैरा ओलम्पिक में दो बार स्वर्ण पदक जीते। उसके बाद शेखावाटी में अनेक खिलाड़ी जैवेलेयन थ्रो में अपना कॅरियर बनाने की तैयारी कर रहे है। अब राजस्थान में तो जेवेलियन का माहौल बन चुका। अब देश में भी बनेगा।
नीरज की जीत से शेखावाटी को फायदा झुंझुनूं. ओलम्पिक में स्वर्णिम इतिहास पड़ौसी राज्य हरियाणा के खांद्रा गांव के बेटे नीरज चौपड़ा ने रचा है। हमारा जिला भी हरियाणा से जुड़ा हुआ है। यह जीत शेखावाटी को फिर से एथलेटिक्स में माहौल बनाने में काफी मददगार साबित होगी। झुंझनूं के खिलाड़ी सेना में भर्ती के लिए वैसे ही एथलीट की तरह ही तैयारी करते हैं। वहीं शेखावाटी के खिलाड़ी चाह रहे हैं कि झुंझुनूं में खेल विवि खुल जाए तो पदक की राह और आसान हो जाए। सरकार की नई खेल नीति से खिलाडिय़ों को रोजगार तो मिल रहा है। सरकारी नौकरियों में दो प्रतिशत आरक्षण भी कर दिया। लेकिन कांग्रेस सरकार खुद का किया हुआ वादा भूल गई। सरकार ने झुंझुनूं में खेल विवि की घोषणा की थी। दोरासर में जमीन भी देख ली, लेकिन खेल विवि का सपना पूरा नहीं हुआ।
नई ऊर्जा का संचार होगा
देश के लिए आज दिन यादगार रहा। खिलाडियों में इस जीत से नई ऊर्जा मिलेगी। नीरज चौपड़ा ने कई सालों बाद देश को स्वर्णपदक दिलाया है। हमारे खिलाडिय़ों को अच्छी कोचिंग, अच्छी डाइट और अच्छे मैदान मिल जाएं तो वे हर खेल में पदक जीत सकते हैं।
देश के लिए आज दिन यादगार रहा। खिलाडियों में इस जीत से नई ऊर्जा मिलेगी। नीरज चौपड़ा ने कई सालों बाद देश को स्वर्णपदक दिलाया है। हमारे खिलाडिय़ों को अच्छी कोचिंग, अच्छी डाइट और अच्छे मैदान मिल जाएं तो वे हर खेल में पदक जीत सकते हैं।
राजेश ओला, जिला खेल अधिकारी स्वर्णिम दिन ओलम्पिक के इतिहास में भारत ने पहली बार ट्रैक एंड फील्ड में स्वर्ण पदक जीता है। आज का दिन भारत के एथलेटिक्स के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। यह जीत झुंझुनूं सहित पूरे शेखावाटी में एथलेटिक्स का माहौल बनाएगी।
-सुभाष योगी, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी झुंझुनू
-सुभाष योगी, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी झुंझुनू