दरअसल, शिक्षा विभाग ने यू-डाइस (यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफार्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन) से प्रदेशभर के सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों से सत्र 2023-24 में शिक्षा से दूर हुए विद्यार्थियों की जानकारी जुटाई। इसमें खुलासा हुआ कि इस सत्र में प्रदेश के 73047 विद्यार्थी ऐसे हैं, जिन्होंने विद्यालय में आना बंद कर दिया तथा संबंधित संस्था से टीसी भी नहीं ली। इस पर विभाग ने संबंधित अधिकारियों को ऐसे विद्यार्थियों को खोजकर विद्यालयों से जोड़ने के आदेश दिए हैं।
विद्यार्थियों के पोषाहार की जांच जरूरी
हजारों विद्यार्थियों ने विद्यालय में आना तो बंद कर दिया, लेकिन टीसी नहीं काटे जाने के कारण विद्यार्थियों का नाम तो विद्यालय में जुड़ा रहा। ऐसे में जांच का विषय है कि विद्यालय से दूर हुए विद्यार्थियों का पोषाहार भी उठाया गया है या नहीं उठाया। यदि विद्यार्थियों का एडमिशन मानते हुए पोषाहार उठाया गया है तो इसे किसने काम में लिया।बीच सत्र में छोड़ी पढ़ाई से नुकसान
भले ही शिक्षा विभाग के कार्मिक बिना टीसी के विद्यालय छोड़ने वाले विद्यार्थियों को खोजने में सफल हो जाए, लेकिन ऐसे विद्यार्थियों को एक सत्र तो खराब हो गया, जिसे फिर से विद्यालयों से जोड़ा जाएगा। सबसे बड़ी समस्या तो ऐसे विद्यार्थियों को शत-प्रतिशत ट्रेस करना ही मुश्किल हो रहा है। दरअसल, विद्यालयों से दूर हुए अधिकतर विद्यार्थियों ने सत्र 2023-24 के शुरुआती दौर में ही पढ़ाई बंद कर दी। इसके बावजूद पूरे सत्र में शिक्षा विभाग ने ऐसे विद्यार्थियों की तलाश नहीं की। सत्र 2024-25 के शुरू होने में महज कुछ ही दिन बचे हैं। इसमें नए विद्यार्थियों को जोड़ने के प्रयास होने चाहिए। वहीं विभाग सत्र 2023-24 में विद्यालय से दूर हुए विद्यार्थियों को खोजने में जुटा है, जबकि ऐसे विद्यार्थियों को गत वर्ष अगस्त-सितंबर से पहले ही ट्रेस कर लेना चाहिए था।