झांसी

36 घंटे पहले लिया था सैंपल, अब तक नहीं मिला जहर बनाने वाला वायरस, त्रयोदशी का भोजन खाने वाले है बीमार

त्रयोदशी के भोजन में अब तक नहीं मिला जहर बनाने वाला वायरस। माइक्रोस्कोप से भी नहीं दिखा त्रयोदशी के भोजन को जहर बनाने वाला वायरस। 36 घंटे पहले 60 मरीजों का स्टूल टेस्ट करने को लिए थे सैम्पल।

झांसीNov 03, 2023 / 07:59 am

Ramnaresh Yadav

इस तस्वीर को सोशल मीडिया से लिया गया है।

बीती शुक्रवार को पूंछ थाना क्षेत्र के ग्राम बरोदा में त्रयोदशी संस्कार भोज में जिस भोजन को वायरस ने जहर में बदल कर सैकड़ों ग्रामीणों को बीमार किया, वह अब व्यापक महामारी फैलाकर फरार हो गए हैं। मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों का पहले ब्लड टेस्ट कराया गया तो उसमें यह जीवाणु दिखाई नहीं दिए। इसके बाद 60 से अधिक मरीजों का स्टूल टेस्ट (मल की जांच) कराया गया है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि अभी तक स्टूल टेस्ट के परिणाम सामने नहीं आ सके हैं।

मरीजों के कराए गए टेस्ट

मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों की हालत खराब करने वाले कारण का पता लगाने के लिए सभी मरीजों का ब्लड टेस्ट कराया गया, लेकिन इसकी रिपोर्ट में ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आ सका है, जिससे कहा जा सके कि किस कारण से इतनी बड़ी संख्या में लोग बीमार पड़े हैं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने 60 मरीजों का

36 घंटे बाद भी वायरस का पता नहीं चला

स्टूल टेस्ट कराने के लिए सैंपल को दो दिन पहले लैब भेज दिया था, लेकिन हैरानी की बात यह है कि सैम्पल को लैब में टेस्टिंग के लिए रखे हुए 36 घण्टे का समय बीत चुका है, लेकिन भोजन को जहर में तब्दील करने वाले हानिकारक जीवाणु दिखाई नहीं दिए हैं। ऐसे में यह भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि किन जीवाणुओं के कारण ग्रामीण फूड पॉइजनिंग का शिकार हुए।

इन्होंने कहा

जानकारी देते हुए डिस्ट्रिक्ट पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट डॉ. उत्सव राज बताते हैं कि स्टूल टेस्ट में अभी तक जीवाणुओं की उपलब्धता का पता नहीं लग सका है। ऐसे में फूड पॉइजनिंग के कारणों के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता। उम्मीद है कि 48 घंटे होने पर सैंपल में जीवाणुओं की उपस्थिति सुनिश्चित हो जाएगी।

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