रानी झांसी महारानी लक्ष्मीबाई का नाम जुबान पर आते ही सुभद्रा कुमारी चौहान की लिखी कविता की ये लाइन ‘बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी’ जरूर याद आती हैं। 1857 की क्रांति में अंग्रेजों से लोहा लेने वाली महारानी लक्ष्मीबाई 18 जून 1958 को शहीद हो गईं थी। उन्होंने नारा दिया था कि मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी। अपनी जमीन बचाने के लिए वे अंग्रेजों से उस समय भिड़ गईं जब बड़े-बड़े राजघराने घुटनों पर आ चुके थे। इसलिए इतिहास आज भी उन्हें याद करता है।
क्लियोपेट्रा
इतिहास की सबसे चतुर और खूबसूरत महारानी क्लियोपेट्रा के बारे में जानें अनोखी बातें प्रचलित हैं। उन्हें दुनिया की सबसे खूबसूरत महारानी का खिताब हासिल है। इसके अलावा वे जूलियस सीजर और मार्क एंथोनी से अफेयर के कारण बहुत ज्यादा चर्चा में रहीं। क्लियोपेट्रा ने अपने दो भाइयों के साथ शादी की थी। उनके पहले पति टॉलेमी थर्टीन्थ थे।
22 की उम्र में 12 साल के भाई से की शादी
जब टॉलेमी की मौत हो गई तो उन्होंने अपने छोटे भाई टॉलेमी फोर्टीन्थ से शादी कर ली। शादी के समय क्लियोपेट्रा 22 साल की थी और टॉलेमी फोर्टीन्थ 12 साल का था।क्लियोपेट्रा ने तीसरी शादी मार्क एंथोनी से की थी।
इतिहास की सबसे चतुर और खूबसूरत महारानी क्लियोपेट्रा के बारे में जानें अनोखी बातें प्रचलित हैं। उन्हें दुनिया की सबसे खूबसूरत महारानी का खिताब हासिल है। इसके अलावा वे जूलियस सीजर और मार्क एंथोनी से अफेयर के कारण बहुत ज्यादा चर्चा में रहीं। क्लियोपेट्रा ने अपने दो भाइयों के साथ शादी की थी। उनके पहले पति टॉलेमी थर्टीन्थ थे।
22 की उम्र में 12 साल के भाई से की शादी
जब टॉलेमी की मौत हो गई तो उन्होंने अपने छोटे भाई टॉलेमी फोर्टीन्थ से शादी कर ली। शादी के समय क्लियोपेट्रा 22 साल की थी और टॉलेमी फोर्टीन्थ 12 साल का था।क्लियोपेट्रा ने तीसरी शादी मार्क एंथोनी से की थी।
हत्शेपसुत जब बात विश्व की चर्चित महिला शासकों की हो रही है तो हत्शेपसुत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। क्लियोपेट्रा से पहले मिस्र में हत्शेपसुत ने शासन किया था। अपने सौतेले बेटे थुटमोस के साथ शसन करने वाली इस महिला ने मिस्र में कई मंदिरों का निर्माण करवाया था।
थियोडोरा साम्राज्यवाद के इतिहास की सबसे शक्तिशाली महिला बीजान्टियम की महारानी थियोडोरा थीं। उस समय के लेखकों ने थियोडोरा को अप्रतिष्ठित, और अनैतिक रूप से चित्रित किया, फिर भी, थियोडोरा को सम्राट के एक महत्वपूर्ण समर्थक के रूप में देखा गया और राज्य के मामलों में थियोडोरा के प्रत्यक्ष सहभाग ने उसे बीजान्टियम की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में से एक बना दिया।
महारानी सुको
महारानी सुको जापान पर शासन करने वाली इतिहास की पहली साम्राज्ञी है। मालूम हो कि विश्व इतिहास में जापान के पौराणिक महिला शासकों को साम्राज्ञी कहा जाता था। सुको के शासनकाल में जापान में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई थी। चीनी और कोरियाई संस्कृति के प्रभाव में वृद्धि हुई और, परंपरा के अनुसार, 17-अनुच्छेद वाले संविधान को अपनाया गया।
महारानी सुको जापान पर शासन करने वाली इतिहास की पहली साम्राज्ञी है। मालूम हो कि विश्व इतिहास में जापान के पौराणिक महिला शासकों को साम्राज्ञी कहा जाता था। सुको के शासनकाल में जापान में बौद्ध धर्म की स्थापना हुई थी। चीनी और कोरियाई संस्कृति के प्रभाव में वृद्धि हुई और, परंपरा के अनुसार, 17-अनुच्छेद वाले संविधान को अपनाया गया।