43 अरब रुपए से अधिक बजट की मंजूरी वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर देश की सबसे हाईटेक और प्रीमियम ट्रेन वंदे भारत, गतिमान, शताब्दी और राजधानी जैसी ट्रेन का ठहराव दिया गया है। इन ट्रेनों का संचालन डबल ट्रैक वाले रूट पर होती है। पिछले कुछ वर्ष में कानपुर और प्रयागराज रेल मार्ग पर यात्रियों की अधिकता को देखते हुए रेलवे ने ट्रेन तो बढ़ा दी, लेकिन सिंगल ट्रैक होने के कारण इन ट्रेन का बहुत अधिक लाभ यात्रियों को नहीं मिल पाया। रेलवे ने अब डबल ट्रैक पर फोकस कर लिया है। झाँसी-कानपुर रेलमार्ग का दोहरीकरण करने के बाद रेलवे ने अब झांसी-प्रयागराज दोहरीकरण कार्य को गति दे दी है। रेल मंत्रालय ने झांसी बांदा-मानिकपुर रेल लाइन के लिए 43 अरब रुपये से अधिक के बजट को मंजूरी दे दी है। हालांकि बजट आवंटित होने के बाद कोरोना काल में यह कार्य शुरू नहीं हो सका।
2025 तक होगा काम पूरा जो कार्य 2023 में पूरा होना था, वह आगे वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी से मानिकपुर के बीच वर्ष 2025 में दोहरीकरण कार्य पूरा करने का है निर्धारित है लक्ष्य बढ़ गया। अब रेलवे ने इस कार्य को पूरा करने के लिए मार्च 2025 का लक्ष्य निर्धारित किया है। झाँसी से मानिकपुर तक 310 किलोमीटर लम्बे ट्रैक निर्माण में झांसी-मानिकपुर के 42 बड़े ब्रिज, 456 छोटे ब्रिज और 4 महत्वपूर्ण बड़े ब्रिज बनने हैं, जिनमें ओरछा का बेतवा पुल, धसान नदी और केन नदी का पुल शामिल है। रेलवे ने बेतवा नदी पर पुल बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। यह पुल अब आकार लेने लगा है। चूंकि अगले माह से मॉनसून दस्तक दे सकता है, इसलिए रेलवे नदी के अन्दर वाले काम जल्द निपटाने की कोशिश में है, ताकि बारिश में नदी का बहाव बाधा न बन सके।
रेलवे विभाग ने दी जानकारी जानकारी देते हुए रेल जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया है कि झांसी से मानिकपुर रेल लाइन दोहरीकरण कार्य को तेजी से किया जा रहा है। इसी क्रम में बेतवा नदी पर प्रमुख पुल तैयार हो रहा है। दोहरीकरण कार्य समय सीमा में पूरा कर लिया जाएगा।