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रेलवे बोर्ड की सख्त कार्रवाई: गतिमान और मालवा एक्सप्रेस के खतरनाक ओवरस्पीडिंग की गहन जांच शुरू

हाल ही में, गतिमान एक्सप्रेस और मालवा एक्सप्रेस द्वारा गति सीमा उल्लंघन की गंभीर घटनाओं के बाद, रेलवे बोर्ड ने इन मामलों की गहन जांच के लिए एक समिति का गठन किया है।

झांसीJun 25, 2024 / 08:23 am

Ramnaresh Yadav

Rail Board Cracks Down In Depth Probe Launched into Dangerous Overspeeding of Gatimaan Malwa Express, रेलवे बोर्ड की सख्त कार्रवाई: गतिमान और मालवा एक्सप्रेस के खतरनाक ओवरस्पीडिंग की गहन जांच शुरू

रेलवे बोर्ड की समिति जांचेगी गतिमान और मालवा एक्सप्रेस की गति सीमा उल्लंघन, रिपोर्ट में हर पहलू पर होगा गहन विश्लेषण

रेलवे बोर्ड ने शुरुआती और गंतव्य स्टेशन के बीच विभिन्न बिंदुओं पर ट्रेन चालकों द्वारा गति सीमा के उल्लंघन के कारणों का पता लगाने के लिए एक समिति का गठन किया है। हाल ही में गतिमान एक्सप्रेस और मालवा एक्सप्रेस द्वारा गति सीमा का उल्लंघन किए जाने के मामलों को रेलवे बोर्ड ने गंभीरता से लिया है। इन मामलों में लापरवाही बरतने पर दोनों एक्सप्रेस ट्रेनों के चालक और सहायक को निलंबित कर दिया गया है और पूरी घटना की जांच चल रही है।

गति सीमा उल्लंघन की घटनाएं:

पिछले महीने, देश की पहली सेमी-हाईस्पीड ट्रेन, गतिमान एक्सप्रेस और मालवा एक्सप्रेस को तेज गति से चलाए जाने का मामला सामने आया था। दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर जाजऊ और मानिया स्टेशन के पास रेलवे पुल का निर्माण कार्य चल रहा है। इन दोनों जगहों पर एहतियात के तौर पर ट्रेनों की गति सीमा 20 किलोमीटर प्रति घंटा तक सीमित कर दी गई थी।
इसके बावजूद, गतिमान एक्सप्रेस और मालवा एक्सप्रेस के चालकों ने 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलाकर यात्रियों की जान को खतरे में डाल दिया था। इस घटना के बाद रेलवे ने दोनों ट्रेनों के चालक और सहायक को निलंबित कर दिया था और मामले की जांच शुरू कर दी थी।

रेलवे बोर्ड द्वारा गठित समिति:

इन सभी मामलों को देखते हुए, रेलवे बोर्ड ने सभी रेलवे जोनों के लिए एक निर्देश जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि बोर्ड ने लोको पायलट और ट्रेन प्रबंधकों को जारी किए जा रहे आदेशों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति इस बात पर नजर रखेगी कि ट्रेनों का संचालन सुरक्षित रूप से किया जा रहा है या नहीं और गति सीमा के उल्लंघन के कारणों का भी पता लगाएगी।

चालकों की मांगें:

ऐसे मामलों में कड़े दंड के प्रावधान होते हैं, लेकिन चालक भी अपनी मांगें रख रहे हैं। उनका कहना है कि ट्रेन के गार्ड को वॉकी-टॉकी पर गति सीमा के शुरुआती बिंदु से 3 किलोमीटर पहले याद दिलाना चाहिए। कुछ चालकों का कहना है कि सतर्कता आदेशों को बड़े अक्षरों में लिखा जाना चाहिए और चालकों की सुविधा के लिए, गति सीमा प्रतिबंधों को चिह्नित करते हुए अलग-अलग रंगों का उपयोग किया जाना चाहिए।

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