10 नवजातों की मौत से पीड़ित परिवार बेहाल है। डीएनए टेस्ट कराए जाने की मांग की जा रही है। उनका आरोप है कि जब आग लगी थी तो स्टाफ को बच्चों को निकालना चाहिए था।
कुलदीप ने क्या कहा ?
अपने बच्चे को तलाशते पिता कुलदीप ने बताया कि मैंने खुद आग लगने के बाद चार से पांच बच्चों को बचाया है। हालांकि, मेरा खुद का बच्चा नहीं मिल रहा। मेरी मां और पत्नी का शुक्रवार रात से ही रो-रोकर बुरा हाल है। मेरा पूरा परिवार हादसे के बाद से काफी परेशान है और अभी तक किसी ने यह भी नहीं बताया है कि बच्चा मिलेगा या नहीं। एक डॉक्टर गाली दे रहा है कि मरने दो।खिड़की तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला
एक महिला माया ने कहा कि अस्पताल में आग लगने के बाद से हमारे बच्चे का भी कुछ पता नहीं चल पाया है। इस घटना के बाद से अस्पताल में जाने नहीं दिया जा रहा है। मेरी बेटी का बच्चा अस्पताल में भर्ती था और उसे मशीन में रखा गया था। आग लगने की घटना की जानकारी उस समय पता चली, जब लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। इसके बाद लोगों ने खिड़की तोड़कर बच्चों को बाहर निकाला, हमारे बच्चे का अभी तक पता नहीं चल पाया है। यह भी पढ़ें