प्राइवेट ठेकेदार का था सामान इस हादसे के बाद बताया गया है कि रेलवे वर्कशाप में वैगन मरम्मत में बेल्डिंग का ठेका प्राइवेट ठेकेदार के पास है। ठेकेदार द्वारा वीआईपी गेट के सामने स्थित पुराने बीटीसी कैम्पस को अपना कार्यालय व मरम्मत का सामान, बेल्डिंग में प्रयुक्त होने वाले गैस सिलेंडर आदि रखने का गोदाम बना रखा है। चूंकि इसके निकट ही रेल लाइन होने के कारण मरम्मत वाली वैगन वहां साइडिंग पर लग जाती है और ठेकेदार के आदमी उसमें बेल्डिंग का काम करते हैं। जब यह हादसा हुआ उस समय ठेकेदार के कर्मचारी काम निपटाकर चले गए थे। उधर, वर्कशाप में जरूर रेलवे कर्मचारी अपना काम कर रहे थे। अचानक हुए इन धमाकों से सभी लोग सकते में आ गए।
तेजी से फैली आग उधर, हादसे की सूचना मिलने पर मुख्य कारखाना प्रबन्धक सहित विविध विभागों के विभाग प्रमुख, कर्मचारी नेता, आरपीएफ व थाना प्रेमनगर पुलिस मौके पर पहुंच गयी। सूचना मिलने पर दमकल की गाड़ी घटना स्थल पर पहुंची और आग को काबू करने के प्रयास करना शुरू कर दिए गए। इस आग पर काबू पाने को दमकल कर्मियों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
सामने आई आग बुझाने के संसाधनों की कमी इस हादसे के बाद वैगन मरम्मत कारखाना में एक बार फिर से आग बुझाने के संसाधानों की कमी उभर कर सामने आयी। गौरतलब है कि पूर्व में भी वर्कशाप में आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं और हर बार इस समस्या से दो-चार होना पड़ा है। आग बुझाने के संसाधनों की निर्भरता पुलिस फायर ब्रिगेड पर रहती है। इसके कारण जब तक दमकल की गाडियां मौके पर पहुंचती हैं तब तक लाखों का नुकसान हो जाता है। यही स्थिति इस अग्निकाण्ड के कारण भी सामने आई।