झांसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को देश के हर हिस्से में सफल बनाने के लिए क्लस्टर लेवल कार्यशालाओं की शुरुआत हुई है। कार्यशालाओं की श्रृंखला में आज झांसी मण्डल की कार्यशाला नगर निगम सभागार में आयोजित हुई। विशेषज्ञों और अफसरों ने मिशन के तहत सबसे महत्वपूर्ण जरूरत खुले में शौच से मुक्ति के लिए आम लोगों की सहभागिता और जागरूकता को बताया।
कार्यशाला का उद्घाटन झांसी के कमिश्नर के राम मोहन राव ने किया। कार्यक्रम में भारत सरकार शहरी विकास मंत्रालय के पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के निदेशक वीके चौरसिया, शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारी प्रवीण भारद्वाज और राहुल सिंह भी मौजूद रहे। विशेषज्ञ के रूप में चिंतन एनवायरनमेंट रिसर्च एंड एक्शन ग्रुप से जुड़ी चित्रा मुखर्जी और ऋचा मौजूद रहीं। इसके अलावा नगर महापौर किरण वर्मा, नगर आयुक्त अरुण प्रकाश, एडीएम रामशंकर गुप्ता, अधिशासी अधिकारी गुंजन गुप्ता समेत झांसी मण्डल के तीनों जिलों के नगरीय निकायों के अफसर मौजूद रहे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुये भारत सरकार के अधिकारी वीके चौरसिया ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच से मुक्ति का अभियान सभी निकायों को चलाना होगा। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये चौरसिया ने चार चरण बताये। हर घर में शौचालय का निर्माण, समूहों के लिए शौचालय का निर्माण और उसके प्रबन्धन की जिम्मेदारी भी समूह को सौंपना, सार्वजनिक शौचालय का निर्माण और खुले में शौच करने वालों पर जुर्माने की कार्रवाई को चौरसिया ने चार महत्वपूर्ण चरण बताये। चिंतन संस्था की चित्रा मुखर्जी ने कहा कि कचरे के प्रबन्धन के लिए उनकी संस्था ने कई शहरों में प्रयोग किये हैं। कचरे को सूखे और गीले वर्गों में बांटकर उनके संग्रहण की व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए सबको मिलकर प्रयास करने की जरूरत पर बल दिया। चित्रा ने कहा कि कचरे के प्रबन्धन न होने से वे पर्यावरण असंतुलन का कारण बन रहे हैं।
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