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झांसी

इन्होंने पूरे जुनून के साथ लड़ी आजादी की जंग, दो कांडों से हिल गई थी अंग्रेजी हुकूमत

इन्होंने पूरे जुनून के साथ लड़ी आजादी की जंग, दो कांडों से हिल गई थी अंग्रेजी हुकूमत

झांसीJul 23, 2018 / 10:49 pm

BK Gupta

birth anniversary of chandra shekhar azad and bal gangadhar tilak

इन्होंने पूरे जुनून के साथ लड़ी आजादी की जंग, दो कांडों से हिल गई थी अंग्रेजी हुकूमत

झांसी। जंग-ए-आजादी के दीवाने चंद्रशेखर आजाद और बाल गंगाधर तिलक के जन्म दिवस पर यहां कांग्रेस कमेटी कार्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें कहा गया कि क्रांतिकारियों ने पूरे जुनून के साथ आजादी की जंग लड़ी। काकोरी कांड और असेंबली बम कांड से अंग्रेजी हुकूमत हिल गई थी। यह कार्यक्रम जिला कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के जिलाध्यक्ष मज़हर अली और पूर्व केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन आदित्य के मुख्य आतिथ्य और शहर अध्यक्ष इम्तियाज़ हुसैन के विशिष्ट आतिथ्य में हुआ।
ऐसे थे तिलक
इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि बाल गंगाधर तिलक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन अमर और श्रेष्ठ बलिदानियों में गिने जाते हैं जो अपनी अटूट देशभक्ति के लिये जाने जाते हैं। उनका व्यक्तित्व एवं कृतित्व एक ऐसे संघर्ष की कहानी है जिसने भारत में एक नये युग का निर्माण किया। भारतवासियों को एकता और संघर्ष का ऐसा पाठ सिखाया कि वे स्वराज हेतु संगठित हो उठे। वे एक राजनेता नहीं, बल्कि महान विद्वान और दार्शनिक भी थे। स्वराज मेरा जन्म सिद्व अधिकार है का नारा बुलन्द करने वाले तिलक स्वाधीनता के पुजारी थे।
आजाद को था झांसी से विशेष लगाव
इस दौरान पूर्व मंत्री ने आज़ादी के दीवाने चन्द्रशेखर आज़ाद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि चन्द्रशेखर का जन्म 23 जुलाई 1906 में हुआ। आज़ाद को झांसी से विशेष लगाव था और झांसी ने भी उनको फरारी के वक्त अपना धर्म निभाते हुए अपनी गोद मे छिपाये रखा। छोटी उम्र में आज़ादी की जंग में कूद पड़ने से उनकी देशभक्ति की भावना बड़े होते होते परिपक्व हो गयी और उन्होंने पूरे जुनून के साथ आज़ादी की जंग लड़ी। काकोरी कांड़ और असेम्बली में बम काण्ड ने अग्रेजों का सम्पूर्ण शासन हिला कर रख दिया।
ये लोग रहे उपस्थित
इस मौके पर एआईसीसी सदस्य सुलेमान अहमद मंसूरी, अफज़ाल अहमद, आफताब खान, गुरूशरण सिंह, आरिफ सलीम, एस नोमान, अब्दुल जाविर, अखलाक मकरानी, किश्वर जहां, रशीद मंसूरी, मेवा लाल भण्डारिया, हज़रत खान, इकबाल खान, जेके जैन, मेहमूद, शाहनवाज़ और उर्मिला उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कमर राजा ने किया। बाद में आभार सुनील अग्रवाल ने व्यक्त किया।

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