अनेक सम्राट यहां आए- इसमें 14 युद्ध और 2 जौहर हुए तथा मध्य युग के अनेक प्रसिद्ध सम्राट यहां आए। आज भी सर्दी और बरसात में इस दुर्ग का पर्यटन वैभव पर्यटकों को खूब आकर्षित करता है। सदस्य भारत सिंह राठौड़ ने कहा कि दुर्ग में उगी घास और कचरे तथा बदहाल कमरों सही करवाना चाहिए। भगवती प्रसाद मेहरा ने कहा कि दुर्ग की धरोहरों की परिचय पट्टिका टूट गयी है उन्हें दुरूस्त कर यहां आकर्षण के लिए केफैटेरिया खोला जाना चाहिए। कोषाध्यक्ष कन्हैयालाल कश्यप ने कहा कि दुर्ग के अवकलोकन के लिऐ पचपन रूपये का टिकिट होना काफी ज्यादा है, इसे कम कर 20 रूपए करना चाहिए। संगोष्ठी में नफीस शेख, फारूख अहमद, सुभाष सेन, उमाकान्त शर्मा, जावेद चौधरी, जुगराज सिंह राठौड़ सहित कई मौजूद रहे।