जिले में 2018 से एसआरजी चिकित्सालय में कैंसर केयर विभाग के अन्तर्गत माह जनवरी 2024 तक 2271 कैंसर रोगियों की स्क्रीनिंग कर उनका उपचार किया जा रहा है। स्क्रीनिंग के अन्तर्गत कैंसर केयर यूनिट में बायोप्सी, पेपस्मीयर, मेमेाग्ररफी के द्वारा रोगीयों की पहचान कर उन्हे परामर्श, शल्य चिकित्सा, कीमो थेरेपी, इम्यूनो थरेपी करते हुए नि:शुल्क दवा उपलब्ध करवाई जा रही है।
सुनेल कस्बे के कृष्ण मंदिर की गली निवासी सेवानिवृत्त फौजी राजेन्द्र कुमार जोशी (72) को सितम्बर 2018 में गले का कैंसर हुआ। इसके बाद वह झालावाड़ सरकारी चिकित्सालय में उपचार के लिए गए। इंदौर चिकित्सालय में इसकी जांच करवाई। इसके बाद जोशी ने बड़ौदा उपचार कर रेडियोथैरेपी और कीमोथैरेपी करवाकर नियमित दवाइयां ली। इसके अलावा आयुर्वेदिक दवाइयों का सेवन भी किया। वर्तमान में फौजी स्वस्थ हैं। अब कोई दवा भी नहीं लेते। केवल पौष्टिक खाने पर ध्यान देते हैं। मैं जानता था कि बीमारी गंभीर है, लेकिन इसका इलाज भी है। सोच पॉजिटिव रखी तो परिणाम भी पॉजिटिव आए। नियमित रूप से सुबह-शाम घूमने जाता हूं। और नियमित व्यायाम करता हूं।
कैंसर को हराकर जिंदगी को दोबारा बिंदास जीने वाली सुनेल क्षेत्र के हेमड़ा निवासी भंवरीबाई पत्नी कंवरलाल गुर्जर (72) को वर्ष 2022 में स्तन कैंसर हुआ। इसके बाद इलाज के लिए परिजन उन्हें झालावाड़ चिकित्सालय में ले गए जहां बीमारी का पता चला। एक बारगी सबकुछ खत्म होने का विचार मन में आया फिर मन को मजबूत किया। इसके बाद बेटा जगदीश गुर्जर और परिवार के सदस्य उन्हें अप्रेल 2023 में अहमदाबाद ले गए और उपचार करवाया। लगभग सात-आठ कीमोथैरेपी करवाई, इसके बाद झालावाड़ चिकित्सालय कुछ कीमोथैरेपी करवाई गई। भंवरी बाई वर्तमान में बिल्कुल स्वस्थ है और दैनिक कार्य खुद करती है। मजबूत इरादों और हौसलों से इसे हराया जा सकता है।
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क्षेत्र की प्रसिद्ध गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. शीला मीणा ने कैंसर जैसी जान लेवा बीमारी को हरा कर नए जीवन की शुरुआत की है। एक चिकित्सक होते हुए ऐसी गंभीर बीमारी होना और उससे मुक्ति पा लेना अपने आप में उनके लिए एक सबक है।
डॉ. मीना ने बताया कि सवा दो साल पहले उन्हें बीमारी का आभास हुआ, तो उन्होंने बायोप्सी की जांच करवाई। इसमें पता लगा कि ब्रेस्ट कैंसर है। जांच आई दूख का पहाड़ टूट गया। उस रात नींद नहीं आई। दूसरे दिन कैंसर विशेषज्ञ को जांच दिखाई और इलाज शुरू किया। चिकित्सकों के परामर्श के बाद सर्जरी हुई। इसके बाद कीमो और रेडियो थैरेपी कराई। 6 महीने इलाज भगवान महावीर कैंसर अस्पताल जयपुर में चला। इससे पूरी तरह से स्वस्थ होकर बीमारी से मुक्त हो पाई। परिवार, पति और बच्चों का स्पोर्ट रहा।
मैंने भी हिम्मत नहीं हारी। कैंसर विशेषज्ञों ने कहा कि पॉजिटिव एनर्जी के साथ बिजी रहो। सही समय पर कैंसर का पता लग जाए और सही इलाज और हिम्मत से कैंसर को हराया जा सकता है। पति डॉक्टर महेश मीणा ने बताया कि पत्नी को कैंसर होने पर उनसे पॉजिटिव बातें की और बीमारी से ध्यान भटकाया।
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डॉ.शीला मीणा ने बताया कि अभी में पूरी तरह स्वस्थ हूं और पहले से अच्छी जिंदगी जी रही हूं। रूटीन के काम आराम से कर रही हूं। मैं इसे भगवान का आशीर्वाद मानती हूं।