झालावाड़

वायरल,नाक-कान-गला के मरीज बढ़े

झालावाड़. जिले में मौसम लगातार बदल रहा है। तापमान में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव का असर जनता की सेहत पर देखने को मिल रहा है। इस कारण घर-घर में बीमार मिल रहे हैं। स्थिति यह है कि बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई सदी, जुकाम,खांसी, निमोनिया आदि शिकायतें लेकर एसआरजी चिकित्सालय पहुंच रहे हैं। एसआरजी […]

झालावाड़Dec 23, 2024 / 09:07 pm

harisingh gurjar

झालावाड़. जिले में मौसम लगातार बदल रहा है। तापमान में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव का असर जनता की सेहत पर देखने को मिल रहा है। इस कारण घर-घर में बीमार मिल रहे हैं। स्थिति यह है कि बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई सदी, जुकाम,खांसी, निमोनिया आदि शिकायतें लेकर एसआरजी चिकित्सालय पहुंच रहे हैं। एसआरजी चिकित्सालय के मेडिसिन विभाग के चिकित्सकों ने बताया कि मौसम में बदलाव के कारण मौसमी बीमारियों के मरीज बढ़ रहे हैं।

सामान्य दिनों में जहां मेडिसिन विभाग की ओपीडी 2200-2300 तक चल रहती है, वही अब बढ़कर 2800-3000 तक पहुंच गई है। ओपीडी में आने वाले ज्यादातर मरीजों में लंबे समय से खांसी, निमोनिया, गले में दर्द,संक्रमण, जकडऩ, आंख-नाक से पानी आना,अस्थमा, एलर्जी,सांस संबंधी दिक्कतें पाई जा रही हैं। वहीं सर्दी तेज होने से मौसम के सर्द होने के साथ लोग नाक, कान और गले की समस्याओं से भी पीड़ित हो रहे हैं। एसआरजी अस्पताल की ओपीडी में ऐसे मरीजों की संया 10 से 15 फीसदी बढ़ गई है। यह समस्या वायरल पीड़ितों में ज्यादा सामने आ रही है। बच्चों व बुजुर्गों में से कई को जुकाम,कफ, खराश, कान व गले में सूजन है। चिकित्सकों के अनुसार, खानपान में बदलाव भी संक्रमण का एक कारण बन रहा है।

ऐसे आ रहे मरीज

नाक: हवा में नमी बढऩे से नाक में सूजन आ रही है। जुकाम, गला खराब होना और नाक बहने के मरीज भी अस्पताल पहुंच रहे हैं।

कान: सर्द हवा के संपर्क में आने से कान में सूजन और संक्रमण हो रहा है। इस दौरान गले और नाक से निकलने वाली बलगम कान के मार्ग में पहुंच सकती है।
गला: गले में सूजन, खराश, जलन और दर्द के मरीज बढ़े हैं। यह वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण का परिणाम हो सकता है। गले में सूजन के कारण खाना निगलने में कठिनाई होती है।

ऐसे बढ़े मरीज

तारीख मरीज

15 दिसंबर 1037

16 दिसंबर 3155

17 दिसंबर 3021

18 दिसंबर 2714

19 दिसंबर 2672

20 दिसंबर 2761

21 दिसंबर 2314

समस्या के कारण

वायरल संक्रमण।
हवा में प्रदूषण।

रोग प्रतिरोधकता की कमी।

बचाव के उपाय

गर्म पानी से गरारे करें।विटामिन सी युक्त आहार लें।

गुनगुना पानी पीएं। गर्म कपड़े पहनें।

तबीयत खराब होने पर डॉक्टर को दिखाएं।
इनका कहना है

तेज सर्दी होने से नाक, कान, गले में तकलीफ के मरीज अधिक आ रहे हैं। इस मौसम में अस्थमा पीड़ित बुजुर्गों को अधिक परेशानी होती है। खानपान का ध्यान रखने के साथ सर्दी से बचाव भी जरूरी है। इस समय तेज सर्दी होने से वायरल संक्रमण, पोस्ट वायरल कफ के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। ऐसे में सलाह है कि गर्म कपड़े पहन कर ही घर से बाहर निकलें। ठंडी चीजों का सेवन नहीं करें,धुल व धुंए से बचाव करें। गर्म व ताजा भोजन का ही सेवन करें। जो लोग बाइक पर चलते हैं उन्हे नाक पर रूमाल या कपड़ा बांधकर हेलमेट का उपयोग करना चाहिए, ताकि ठंडी हवा से नाक में सूजन व अन्य तरह की परेशानी नहीं हो।

डॉ. अरूण पटेल, विभागाध्यक्ष नाक-कान-गला रोग विभाग, मेडिकल कॉलेज, झालावाड़।

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