किसानों की भीड़ अधिक होने से कुछ देर के लिए धक्का मुक्की व हंगामा देख समिति कर्मचारियों ने खाद का वितरण बन्द कर दिया। बाद में किसानों ने कतार में लगकर व्यवस्था में सुधार होने से फिर से खाद का वितरण किया गया। समिति के व्यवस्थापक अखिलेश वैष्णव ने बताया कि यहां 720 कट्टे डीएपी आया था जिसे आधार कार्ड के आधार पर प्रति किसान 5 कट्टों का वितरण किया गया।
इन दिनों कस्बे सहित उपखंड क्षेत्र में डीएपी खाद की जबर्दस्त किल्लत मची हुई है। खाद के लिए किसान बाजारों व सहकारी समितियों के चक्कर लगा रहे है बाजारों व समितियों में इस बार डीएपी खाद नहीं आ रहा है। जिन दुकानदारों के पास खाद उपलब्ध होता है वह साथ में अटैचमेन्ट देकर इसकी कालाबाजारी कर अधिक दाम वसूल रहे हैं। पिछले कई दिनों से बाजारों व समितियों में डीएपी खाद नहीं आ रहा है। कस्बे की क्रय विक्रय सहकारी समिति में इससे पहले करीब दो माह पूर्व 1500 कट्टों की रैक आई थी इसके बाद दूसरी बार 720 कट्टे डीएपी खाद आ पाया है।
गेहूं व लहसुन की बुवाई का समय किसानों द्वारा इन दिनों गेहूं व लहसुन की बुवाई की जा रही है जिसमें प्रति बीघा 20 से 50 किलो डीएपी की आवश्यकता पड़ रही है। लेकिन बाजारों में खाद नंही मिलने से फसलों की बुवाई में देरी होने के साथ किसानो को काश्त का काम छोड़कर इधर उधर भटकना पड़ रहा है।
न पुलिस और न अधिकारी जिला कलक्टर के निर्देश पर गत माह उपखंड अधिकारी ने आदेश जारी कर खाद की कालाबाजारी, भंडारण, निकासी व परिगमन की रोकथाम कर वितरण प्रणाली की सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए थे इसके बावजूद समिति में खाद आने पर कृषि विभाग, पटवारी, पुलिस व प्रशासन का कोई भी अधिकारी कर्मचारी यहां नहीं पहुंचा। ऐसे में हुडदंग व हंगामे के बावजूद समिति कर्मचारियों द्वारा अपने स्तर पर इसका वितरण किया गया। इस दौरान करीब 3 बजे तक सभी 720 कट्टों का वितरण किया गया।
विधायक ने किया था प्रदर्शन