किसानों के अनुसार रबी की बुवाई के लिए दिन का तापमान 23 से 30 डिग्री आस-पास अनुकूल रहता है। जबकि 32-33 डिग्री तक तापमान चल रहा है। रबी फसलों में गेहूं की बुवाई जल्दी शुरू हो जाती है। लेकिन इस बार तापमान की तल्खी के चलते इसमें देरी हो रही है। कृषि विशेषज्ञों की ओर से भी तापमान कम होने तक खेत तैयार करने की सलाह दी जा रही है। जिले अक्टूबर में ही अधिकांश जगह अगेती सरसों की बुवाई कर दी गई है। हालांकि अब रात के तापमान में कमी आने से रात को मौसम में ठंडक आने लगी है।
बुवाई के लिए चाहिए नमी- कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक रबी फसल की बुवाई जमीन में नमी और तापमान पर निर्भर करती है। बढ़े हुए तापमान में बुवाई करने से फसल जलने और उत्पादन प्रभावित होने की आशंका रहती है। नमी कम होने पर बुवाई करने से किसानों की बीज लागत बढ़ जाती है। ज्यादा तापमान में जहां बीज के अंकुरण में दिक्कत आती है। वहीं इसके खराब होने की आशंका भी बनी रहती है। जिले में अब तक सर्वाधिक बुवाई चना व सरसों की हुई है
किस फसल की कितनी बुवाई- कृषि विभाग का इस बार जिले में1.30 लाख हैक्टेयर में गेहूं की बुवाई का लक्ष्य है इसके मुकाबले अब तक 23 हजार हैक्टेयर यानी सिर्फ 20 प्रतिशत बुवाई ही हुई है। वहीं जो की 86, चना 23301, मसूर की 3243, सरसों 36090, अलसी 768, धनिया 3890 हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। तापमान में गिरावट के बाद गेहूं की बुवाई में तेजी आने की उम्मीद है जिले में अभी तक लक्ष्य के मुकाबले 35 फीसदी ही बुवाई हुई है।
एक्सपर्ट व्यू- तापमान में बढ़ोतरी के कारण रबी सीजन की फसलों की बुवाई प्रभावित हो रही है। देरी से बुवाई होने के कारण सीजन का फसल चक्र भी प्रभावित होता है। अब तापमान में गिरावट आ रही है तो गेहूं की बुवाई कर सकते हैं, धीरे-धीरे अब तापमान कम होता जाएगा।
जिले में केसी मीणा, संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार, झालावाड़।