झालावाड़.प्रदेश का शिक्षा महकमा काफी समय से लेटलतीफी के आलम में ही दिन गुजार रहा है। प्रदेश के 3558 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों एवं 134 मॉडल स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम से शिक्षण कराने वाले शिक्षकों की भर्ती के लिए करीब दो माह पूर्व परीक्षा हुई थी। परीक्षा हुए लंबा समय गुजरने के बाद भी अभी तक इसका परिणाम ही घोषित नहीं हो पाया है। इससे अंग्रेजी माध्यम स्कूलों व मॉडल स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पा रही है। इनके अभाव में बच्चों की पढ़ाई पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है। दूसरी ओर मौजूदा शिक्षण सत्र 2024-25 के शुरू हुए करीब चार माह गुजरने के बावजूद भी अंग्रेजी माध्यम के इन विद्यालयों को शिक्षक ही नहीं मिल पाए हैं। गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने करीब दो-ढाई माह पूर्व इन स्कूलों में नियुक्ति के लिए विभाग में ही कार्यरत सरकारी शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। इसके बाद डेढ़ माह पूर्व गत 25 अगस्त को इन शिक्षकों की लिखित परीक्षा का आयोजन भी कर लिया गया। परीक्षा का परिणाम अभी तक जारी नहीं हुआ है और परिणाम आने से पहले ही मामला न्यायालय में भी चला गया। ऐसे मे अंग्रेजी माध्यम के इन स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया भी खटाई में पड़ गई है। जबकि इन अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में जाने के लिए प्रदेश के करीब 51 हजार 870 शिक्षकों ने परीक्षा दी थी। जिनको परिणाम का इंतजार बना हुआ है।
वहीं इधर विद्यार्थियों को गुरुजी के स्कूल आने का। प्रदेशभर के स्कूलों में शिक्षकों की कमी की वजह से विद्यार्थियों की पढ़ाई खासी बाधित हो रही है। इसलिए दी चुनौती- अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में लगने के लिए 100 अंकों की हुई इस परीक्षा में 40 अंक पास होने के लिए जरूरी रखे गए थे। इसके साथ ही जिले में कार्यरत शिक्षक को 10 अंक अतिरिक्त देने का प्रावधान भी रखा हुआ था और इसी प्रावधान को कोर्ट में चुनौती दी गई है। कार्यरत जिले से दूसरा जिला चाहने पर कोई अंक नहीं देने तथा कार्यरत जिले के ही महात्मा गांधी स्कूल में नियुक्ति चाहने वाले शिक्षकों को 10 अंक अतिरिक्त देने से व्यथित कुछ शिक्षक कोर्ट चले गए हैं। इस भर्ती परीक्षा के परिणाम घोषित करने पर कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है।
गौरतलब है कि झालावाड़ जिले में 11 परीक्षा केन्द्रों पर 1736 शिक्षकों ने परीक्षा दी थी। जिसमें कई लोग ऐसे थे जो दूसरे जिलों से झालावाड़ जिले में आना चाहते थे। लेकिन अभी तक परीक्षा का परिणाम नहीं आने से ऐसे शिक्षक चिंता में है।
शिक्षक नहीं होने से कई स्कूलों में नामांकन शून्य- जिले में कई महात्मागांधी स्कूलों में शिक्षक नहीं होने ेसे विद्यार्थियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिले में कई स्कूलों में शिक्षक नहीं होने से स्कूल का नामांकन शून्य हो गया है। ऐसे में अब इन स्कूलों को बंद करने की नौबत आ गई है।
केस एक- जिले के महात्मा गांधी राजकीय उच्च प्राथमिक विद्याल पिड़ावा में शिक्षक नहीं होने से नामांकन शून्य हो गया है। यहां सिर्फ हिन्दी माध्यम में नामांकन है। केस दो-
जिले के महात्मा गांधी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हेमड़ा में भी शिक्षक नहीं होने से 9 कक्षा में नामांकन शून्य है। ध्यान नहीं दिया तो बंद हो जाएंगे स्कूल- महात्मा गंाधी स्कूलों के यही हाल रहे तो आने वाले समय में जिले के सभी महात्मा गांधी स्कूल नामांकन शून्य हो जाएंगे। शुरुआती समय में महात्मा गंाधी स्कूलों का संचालन अच्छे हुआ, लेकिन पर्याप्त शिक्षकों के अभाव में अब संचालन सुचारू रूप से नहीं हो रहा है। ऐसे में समय से इन स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए। इन पदों के लिए हुई थी परीक्षा- अंग्रेजी माध्यम स्कूलों व मॉडल विद्यालयों में प्रधानाचाय, व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक, अध्यापक लेवल वन, अध्यापक लेवल टू, पुस्तकालयाध्यक्ष, प्रयोगशाला सहायक व कम्प्यूटर शिक्षक आदि के रिक्त पदों को भरने के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन हुआ था।
इनका कहना है- अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए हुई परीक्षा के बाद परिणाम का इंतजार है। परिणाम कब आएगा ये सरकार के ऊपर है। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों व मॉडल विद्यालयों में मौजूदा स्टॉफ से ही नियमित पढ़ाई करवाई जा रही है। ये सही है कि परीक्षा 25 अगस्त को हुई थी।
रामसिंह मीणा, सीडीईओ,झालावाड़।