जानकारों ने बताया कि एसआरजी चिकित्सालय में ब्लड की कमी का कारण इन दिनों रक्तदान शिविर नहीं लगना है। ऐसे में जिला ब्लड बैंक में ब्लड खत्म होता जा रहा है। अभी ए, बी, ओ व एबी पॉजिटिव ग्रुप का ही ब्लड उपलब्ध है जबकि एसआरजी चिकित्सालय में प्रतिदिन सभी प्रकार के 30-40 मरीजों को ब्लड की जरुरत होती है। ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी कैंसर व थैलिसिमियां व ऑपरेशन वाले मरीजों को हो रही है।
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जिले के एक कैंसर मरीज योगेश कुमार ने बताया कि उसे हर तीन-चार दिन में ब्लड की जरूरत पड़ रही है। एबी नेगेटिव ब्लड की जरूरत होती है, लेकिन एसआरजी चिकित्सालय में हर बार ब्लड नहीं मिलने से परेशानी होना पड़ता है। ऐसे में बाहर से निजी ब्लड बैंक से इंतजाम करना पड़ता है। जबकि सरकार ने कैंसर व थैलिसिमियां मरीजों को ब्लड बैंक से ही ब्लड देने के निर्देश दे रखे हैं।
जिले में रक्तदान शिविर नहीं लगने से मरीजों को परेशानी हो रही है। अखिलेश मेहर ने बताया कि एक मरीज को रक्त की जरुरत होने पर बुधवार को रणजीत मेघवाल को फोन किया गया,उसके बाद उसने एसआरजी चिकित्सालय पहुंच कर रक्तदान किया।
इन दिनों एसआरजी चिकित्सालय में खून की कमी चल रही है। ऐसे में राजस्थान पत्रिका लोगों से अपील करता है कि कैंसर, डायलिसिस व थैलिसिमिया के मरीजों के लिए ब्लड की जरुरत है उनके लिए एसआरजी ब्लड बैंक में पहुंचकर रक्तदान जरूर करें।
ग्रुप उपलब्धता
ए पॉजिटिव 4 यूनिट
बी पॉजिटिव 5 यूनिट
ओ पॉजिटिव 15 यूनिट
एबी पॉजिटिव 10 यूनिट
ए नेगेटिव 2 यूनिट
बी नेगेटिव 1 यूनिट
ओ नेगेटिव 00
एबी नेगेटिव 00
कुल 37 यूनिट
फरवरी माह में दो ही शिविर लगे है, वहीं भी बहुत छोटे। इसलिए ब्लड की कमी आ रही है। अब 24 से 27 तारीख में रक्तदान शिविर है, उनमें कमी दूर हो जाएगी, लोगों से भी हमारी अपील है कि ज्यादा से ज्यादा ब्लड डोनेट करें। इससे कोई नुकसान नहीं होता है और शरीर में नया खून बनता है, इससे शरीर में स्पूर्ति आती है।
– डॉ. मनीष सामरिया, ब्लड बैंक प्रभारी, एसआरजी चिकित्सालय