झालावाड़

सारोला बाइपास निर्माण-नौ दिन में चले अढाई कोस

सारोलाकलां. कस्बे को जाम की परेशानी से निजात दिलाने को लेकर पिछले 4 उम्मीद बंधी बंधी हुई है। गत वर्ष अगस्त 2023 में सार्वजनिक विभाग ने बजट आवंटन के बाद कार्यादेश भी जारी कर दिया गया लेकिन काम नौ दिन में चले अढाई कोस कहावत जैसा हो रहा है। करीब 9 करोड़ 50 लाख लागत […]

झालावाड़Nov 10, 2024 / 09:54 pm

jagdish paraliya

  • सारोलाकलां. कस्बे को जाम की परेशानी से निजात दिलाने को लेकर पिछले 4 उम्मीद बंधी बंधी हुई है। गत वर्ष अगस्त 2023 में सार्वजनिक विभाग ने बजट आवंटन के बाद कार्यादेश भी जारी कर दिया गया लेकिन काम नौ दिन में चले अढाई कोस कहावत जैसा हो रहा है। करीब 9 करोड़ 50 लाख लागत कस्बे में 2200 मीटर सीसी सड़क बाइपास, पुलिया का निर्माण होगा।
सारोलाकलां. कस्बे को जाम की परेशानी से निजात दिलाने को लेकर पिछले 4 उम्मीद बंधी बंधी हुई है। गत वर्ष अगस्त 2023 में सार्वजनिक विभाग ने बजट आवंटन के बाद कार्यादेश भी जारी कर दिया गया लेकिन काम नौ दिन में चले अढाई कोस कहावत जैसा हो रहा है। करीब 9 करोड़ 50 लाख लागत कस्बे में 2200 मीटर सीसी सड़क बाइपास, पुलिया का निर्माण होगा। यह कब्रिस्तान, अकलेरा रोड़ से खानपुर की तरफ मील वाले कुएं तक बनेगा। बाइपास का जल्द निर्माण हो तो कस्बे को जाम से निजात मिले। कस्बे में बार-बार जाम से आमजन समेत दुकानदार खासे परेशान है।
पुलिया काम शुरू नहीं, मिट्टी समतल करने में उलझे

बाइपास निर्माण को लेकर नाले पर पुलिया का निर्माण करवाया जाना है लेकिन ठेकेदार ने अभी तक मात्र गड्ढे ही खोदे हैं जबकि डेढ़ वर्ष गुजरने को आया है। अकलेरा रोड कब्रिस्तान से दादिया चौराहे तक इस टुकड़े को ठेकेदार ने बिना अर्थवर्क व साफ-सफाई के छोड़ रखा है। कुछ टुकड़ों में मिट्टी समतलीकरण का कार्य करने के बावजूद कार्य में गति नहीं आई है।
सारोला कस्बे होकर वाहन निकालना चुनौती

कस्बे के बीच करीब डेढ़ किलोमीटर दायरे और घनी आबादी से महज 20 फ़ीट चौड़े रास्ते से ये हाइवे गुजरता है। इन दिनों सावे का सीजन है। सिकुड़े हाइवे पर भीड़-भाड़ व फल-सब्जी के ठेले आड़े-तिरछे खड़े रहते है। ऐसे में एक वाहन भी संघर्ष करने के बाद मुश्किल से निकलता है।
प्रतिदिन होती मारपीट

आमने-सामने वाहन आने पर हालात विकट हो जाते हैं। क्रासिंग के दौरान ट्रोले व बड़े वाहन, दुकानों के आगे निकले चद्दरों व बेतरतीब खड़े वाहनों के अड जाते हैं। इसको लेकर दुकानदारों व वाहन चालकों में लड़ाई-झगड़े होना आम बात है। गत दिनों भी एम्बुलेंस समेत अन्य वाहन जाम में फंस जाने बड़ी परेशानी उठानी पड़ी।
घंटों खड़ी रहती है बसें

रोडवेज बस तो निर्धारित समय पर गंतव्य तक पहुंचती ही नहीं है। बसें जाम में घंटों खड़ी रहती है। इन विकट हालातो में भी स्थिति को संभालने के लिए यातायात कर्मचारी की नियुक्ति नहीं की जा रही है। जाम हटाने के लिए कोई नहीं है। इससे लोग परेशान रहते हैं।
बाइपास का निर्माण कार्य कछुआ चाल से चल रहा। कस्बे के बीच से गुजर रहे हाइवे पर प्रतिदिन जाम के हालात बनते हैं। जल्द कार्य पूर्ण हो तो कस्बे को जाम के हालातों से निजात मिलेगी।
सुरेश शर्मा, सरपंच सारोला कलां

संवेदक ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। कुछ खातेदारों के मुआवजा की दिक्कत की वजह से विलंब हो रहा था। अब समाधान हो गया। अब पुलिया निर्माण समेत मिट्टी डालने का काम चल रहा है।

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