टीबी रोगियों को सरकारी अस्पतालों में दवा तक नहीं मिल रही है। ऐसे में जिन लोगों के दवा चल रही थी, उनमें से भी कई दवा छोड़ चुके है। ऐसे में उनके फिर से दवा शुरू करने पर करीब छह माह का पूरा कोर्स लेना होगा।
राज्य में एक जनवरी से अब तक 62 हजार से अधिक टीबी के रोगी चिह्नित हो चुके हैं। पिछले साल एक जनवरी 2023 से 31 दिसम्बर तक 1 लाख 64 हजार से अधिक मरीज थे। इनमें से कई मरीजों के अभी तक टीबी की दवा का कोर्स पूरा नहीं हुआ है।
राज्य के चिकित्सा संस्थानों में टीबी की दवा नहीं होने पर एक आदेश जारी किया गया था। जिसके तहत चिकित्साधिकारी को ओपीडी पर्ची पर टीबी की दवा मुख्य निक्षय आइडी, हस्ताक्षर व मोहर लगाकर दी जानी है। इस पर्ची से मरीज दवा बाहर से खरीदकर बिल के साथ अपनी बैंक खाता संया आदि की जानकारी के साथ चिकित्सा संस्थान में जमा करवा सकते हैं। इसके बाद मरीज को उस राशि का भुगतान करने का प्रावधान है। इसमें समस्या यह है कि चिकित्सक दस दिन की ही दवा लिख सकते हैं पर मरीजों को इसकी जानकारी नहीं है।
जिलों के सरकारी व निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या
जिला – सरकारी – निजी
झालावाड़ – 1152 – 390
चित्तौडगढ़ – 981 – 158
भीलवाड़ा – 1358 – 956
प्रतापगढ़ – 573 – 21
बांसवाड़ा – 1445 – 206
डूंगरपुर – 1153 – 200
राजसमंद – 747 – 210
उदयपुर – 2795 – 1318
अजमेर – 2256 – 450
अलवर – 2315 – 2253
बारां – 717 – 286
बाड़मेर – 586 – 72
भरतपुर – 1447 – 381
बीकानेर – 1605 – 703
बूंदी – 805 – 244
चूरू – 916 – 105
दौसा – 972 – 103
धौलपुर – 1101 – 357
गंगानगर – 1255 – 645
हनुमानगढ़ – 1345 – 381
जयपुर प्रथम – 4577 – 1422
जयपुर द्वितीय – 1627 – 1442
जैसलमेर – 174 – 7
जालोर – 824 – 440
झुंझुनूं – 735 – 334
जोधपुर – 2301 – 896
करौली – 1471 – 425
कोटा – 1795 – 980
नागौर – 1203 – 344
पाली – 923 – 221
समाधोपुर – 86 – 372
सीकर – 1249 – 673
सिरोही – 494 – 210
टोंक – 1198 – 136
कुल – 45081 – 17641
जिले में ब्लाकवार टीबी मरीज
बकानी 41
डग 75
झालरापाटन 239
झालावाड़ डीटीसी 867
खानपुर 35
मनोहरथाना 216
सुनेल 69
इन दवाओं की नहीं हो रही आपूर्ति
अस्पतालों में रिफापीसिन, इथामबुटोव, पाइटाजिनामाइड, आइजोनिजाइड साल्ट की दवा की आपूर्ति नहीं हो रही है। ऐसे में टीबी मरीजों को बाहर से लेने में दिक्कत हो रही है। कई गरीब तबके के मरीजों को आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है। टीबी के मरीज को छह माह तक लगातार दवा लेनी होती है। उसे छोड़ना नहीं चाहिए। यदि किसी कारण से दवा छूट गई है तो तत्काल चिकित्सक से सलाह लेकर वापस शुरू करनी चाहिए। ऐसा नहीं करने पर बीमारी बढ़ सकती है।
टीबी के मरीजों के लिए दवाई नियमित रूप से खरीद रहे हैं। अपने जिले में कमी नहीं है। लोकल स्तर पर टैंडर कर दवाई खरीद रहे हैं। बीच में कमी आ गई थी। तो सरकार की ओर से एक लैटर जारी कर कहा गया था कि अपने स्तर पर खरीद कर लें बिल पास कर देंगे।