बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार ही राजस्थान की कई हवाई पट्टियों को सर्विसेबल बनाया जाएगा। इसके तहत झालावाड़ के कोलाना में बने हवाई पट्टी पर दस एकड़ में फ्लाइंग स्कूल खोला जाएगा। इसकी प्रक्रिया पिछले कई दिनों से चल रही थी।
जिला प्रशासन से पूर्व में इस बारे में प्रस्ताव मांगे गए थे। जिले में कई दिनों से आसमान में मंडरा रहा एक छोटा हेलीकॉप्टर भी लोगों के लिए कौतूहल बना हुआ था। यह इसी कार्य के लिए हवाई सर्वे कर रहा था, लेकिन अब हवाई पट्टी कई तरह के काम में आएगी। हवाई पट्टी में सुधार भी होगा।
ये मिलेगी सुविधा
जिले में हाड़ौती का पहला फ्लाइंग स्कूल को खोलने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए चीफ लाइंग इंस्ट्रक्टर से लेकर इंजीनियर तक के सभी तकनीकी पदों पर भर्ती की जाएगी। ऐसे में कई युवाओं को रोजगार मिलेगा। पहले चरण में कोलाना हवाई पट्टी पर करीब 4 करोड़ रुपए की लागत से फ्लाइंग स्कूल बनाया जाएगा। इसके तहत 6 एकड़ जमीन पर क्लास रूम, हैंगर, पार्किंग वे एवं 4 एकड़ जमीन पर हॉस्टल व प्रशासनिक भवन आदि बनाए जाएंगे। यहां रहकर कई विद्यार्थी पायलट का प्रशिक्षण ले सकेंगे। अब यह हवाई पट्टी नियमित रूप से काम में आएगी। भविष्य में यहां बड़े विमान भी उतर सकेंगे। उत्तर भारत में जालंधर व खुशीनगर के बाद झालावाड़ में तीसरी सबसे बड़ी हवाई पट्टी है। यहां 27 करोड़ की लागत से टेक्सी वे सहित कई काम के प्रस्ताव भी भेजे गए है। उनकी स्वीकृति मिलते यहां की सुविधाओं में विस्तार होगा।
फ्लाइंग स्कूल में इतने कर्मचारी होंगे
सूत्रों ने बताया कि शुरुआत में फ्लाइंग स्कूल में अधिकारियों की आवश्यकता के अनुसार कम से कम दो इंस्ट्रक्टर, पायलट, 3 इंजीनियर, 2 मैकेनिक और 1 ग्लाइडर पायलट, 6 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व एक बाबू की आवश्यकता होगी। इनमें सभी तकनीकी कर्मचारियों की भर्ती होगी।इनका कहना है….
- फ्लाइंग स्कूल के लिए प्रस्ताव भेजे गए थे। ये कोलाना हवाई पट्टी पर ही बनेगा। कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दे दी।
- कोलाना हवाई पट्टी पर ही फ्लाइंग स्कूल 10 एकड़ जमीन बनेगा। इसकी सैद्धांतिक स्वीकृति मंगलवार को मिल गई। इसके लिए जल्दी ही एमओयू होगा। सुविधाओं में विस्तार होने पर भविष्य में बड़े विमान भी यहां उतारे जा सकेंगे। इसका पूर्व में हवाई सर्वे किया जा चुका है।
हुकमचन्द मीणा, अधिशासी अभियंता सानिवि, झालावाड़
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