विशिष्ठ लोक अभियोजक रामहेतार गुर्जर ने बताया कि पीडि़ता की मां ने 21 फरवरी 2023 को पुलिस को रिपोर्ट दी थी। उसने शिकायत दी कि उसकी दस वर्षीय बेटी ने बताया कि पिता ने उसके गुप्तांगों से छेड़छाड़ की। पूर्व में भी वह कई बार ऐसी हरकत कर चुका था। लोकलाज के डर से उसने एफआईआर दर्ज नहीं करवाई। अब परेशान होकर वह प्रकरण दर्ज करवा रही है। पुलिस ने मामला दर्जकर तफ्तीश के बाद आरोपी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र पेश किए थे।
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न्यायालय में अपने बयान के दौरान पीडि़ता अपने पिता द्वारा की गई हरकत से इनकार कर दिया। इस पर विशिष्ट लोक अभियोजक ने पीडि़ता को पक्षद्रोही घोषित कर जिरह की तो उसने पिता द्वारा की गई हरकत के बारे में बता दिया। उसने यह भी कहा कि वह अपने पापा को बचाना चाहती है, इसलिए यह बयान दे रही है। न्यायाधीश ने अन्य तथ्यों, गवाहों और अभियोजन के साक्ष्य के आधार पर पिता को दोषी माना और उसे बीस साल के कारावास की सजा सुनाई। उस पर साठ हजार रुपए जुर्माना भी किया।
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