झालावाड़

खुशखबरी : नए साल में राजस्थान के लोगों को मिलेगी ये नई सौगात

झालावाड़ सहित राजस्थान के लोगों को नए साल में रेलवे की ओर से नई सौगात मिलेगी। यहां अकलेरा तक रेलवे लाइन का काम पूरा हो चुका है। जनवरी में इस मार्ग को शुरू करने की तैयारी चल रही है। कुछ समय में रेल संरक्षा आयुक्त के निरीक्षण के बाद इसे हरी झंडी मिल जाएगी।

झालावाड़Dec 31, 2022 / 01:59 pm

Santosh Trivedi

अभिषेक ओझा/चंद्रेश शर्मा/झालावाड़। झालावाड़ सहित राजस्थान के लोगों को नए साल में रेलवे की ओर से नई सौगात मिलेगी। यहां अकलेरा तक रेलवे लाइन का काम पूरा हो चुका है। जनवरी में इस मार्ग को शुरू करने की तैयारी चल रही है। कुछ समय में रेल संरक्षा आयुक्त के निरीक्षण के बाद इसे हरी झंडी मिल जाएगी। इसके बाद झालावाड़ से अकलेरा तक रेल सुविधा शुरू हो सकेगी। गौरतलब है कि झालावाड़ से अकलेरा वर्तमान में सड़क मार्ग ही है। जिसकी लम्बाई करीब 55 किमी पड़ती है। रेल मार्ग शुरू होने के बाद इसकी लम्बाई घटने के साथ ही कम किराए में लोग अकलेरा तक पहुंच सकेंगे।
270 करोड़ की आई लागत
झालावाड़ से जूनाखेड़ा तक रेल मार्ग 14 अगस्त 2022 को शुरू कर दिया गया था। इसके बाद से जूनाखेड़ा से अकलेरा के बीच कार्य शुरू किया गया था। इसकी लागत 270 करोड़ रुपए आई है। जूनाखेडा़ से अकलेरा के बीच की दूरी 27 किलोमीटर है।
होना है निरीक्षण
रामगंजमण्डी से भोपाल नई लाइन परियोजना के अन्तर्गत जूनाखेड़ा-अकलेरा सेक्शन का कमीशनिंग के लिए मध्य क्षेत्र के रेल संरक्षा आयुक्त मनोज अरोरा द्वारा निरीक्षण किया जाना है। जल्द ही यह निरीक्षण होगा। इसके बाद यहां जूनाखेड़ा से अकलेरा के बीच रेल सेवा शुरू कर दी जाएगी।
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राजस्थान की सीमा से भोपाल तक काम शेष
276 किमी की पूरी लाइन में राजस्थान सीमा से लेकर भोपाल तक का काम शेष है। भोपाल मंडल ने शुरुआती दौर में निशातपुरा भोपाल की झुग्गी-झोपडिय़ां हटाई हैं, अभी तक जमीनी स्तर पर काम नहीं शुरू हो पाया है। जिले में दो जगह आरओबी और कुछ अंडरपास का काम चल रहा है। यहां अभी भी इस प्रोजेक्ट को रफ्तार नहीं मिल पाई है। ऐसे में राजस्थान से भोपाल की लाइन को शुरू होने में कुछ समय और लगेगा।
यह होगी विशेषता :
इस परियोजना में राजस्थान और मध्य प्रदेश राज्य शामिल है एवं 5 जिले कोटा, झालावाड़, राजगढ़, सीहोर और भोपाल शामिल है।

झालावाड़ में कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट के लिए कोयले की आवागमन के लिए रुठियाई-ब्यावरा-झालावाड़ शहर (215 किमी) के माध्यम से मार्ग की तुलना में 42 किमी कम है।
जयपुर से दक्षिण की ओर जाने वाली मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों का रूट लगभग 115 किमी कम हो जाएगा। समय में 3 घंटे की बचत होगी।

मध्य प्रदेश के आंतरिक जिलों (जैसे शाजापुर, राजगढ़, गुना आदि) में आबादी को सीधे राज्य की राजधानी से जोडकऱ क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास होगा।
जूनाखेड़ा-अकलेरा तक रेल संरक्षा आयुक्त का निरीक्षण होना है। निरीक्षण में सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही यह मार्ग शुरू कर दिया जाएगा। जूनाखेड़ा से अकलेरा तक 27 किमी का काम हुआ है।
रोहित मालवीय, सीनि. डीसीएम व जन सम्पर्क अधिकारी, कोटा

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