राजे ने कहा कि सांप से कितना ही प्रेम कर लो, वह अपने स्वभाव के अनुरूप कभी न कभी तो आप पर जहर उगलेगा ही। सिर कटा लो, लेकिन दुश्मन के सामने कभी सिर मत झुकाओ। जब तक लक्ष्य प्राप्ति न हो जाए, तब तक 24 घंटे जागते रहो, सोओ मत। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप के जीवन से हमें यह प्रेरणा लेनी चाहिए। आजकल लोग पीठ में छुरा घोपने में माहिर हैं, जबकि महाराणा कभी ऐसा नहीं करते थे। वे निहत्थे पर वार भी नहीं करते थे। दो तलवार साथ रखते थे, एक अपने लिए और एक निहत्थे के लिए। उन्होंने महिलाओं पर कभी हमला नहीं किया। वे मातृभूमि की रक्षा के लिए अंत तक लड़े।
राजे ने कहा कि बादल कुछ देर तो सूरज के आगे आकर उसे अदृश्य कर सकते हैं, पर अधिक देर तक सूरज की दमक को रोकने का सामथ्र्य उनमें नहीं होता। समय का चक्र पहिए सा घूमता है। महलों में मख़मल पर सोने वाले राजा को भी जंगल में कांटों पर सोना पड़ता है। महाराणा का सिद्धांत था अत्यंत विकट परिस्थिति में भी जो हार नहीं मानते हैं, जीत उन्हीं की होती है। जो सुख में अति प्रसन्न और संकट में डर कर झुक जाते हैं। उन्हें न तो सफलता मिलती और न ही इतिहास याद रखता।
पांच सीटें जीतना मामूली बात नहीं