झालावाड़

बाघ पर सवार होकर आएगी मकर संक्रांति, ति थि का भी संशय नहीं

सुबह से शाम तक पूर्ण रूप से पर्व रहेगा। 14 जनवरी सुबह 8.56 बजे सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे।

झालावाड़Jan 11, 2025 / 11:51 am

jagdish paraliya

Jhalawar news : सूर्य उपासना व दान पुण्य का महापर्व मकर संक्रांति इस बार पीतांबरी वस्त्रों में व्याघ्र (बाघ) पर सवार होकर आएगी। उपवाहन अश्व (घोड़ा) होगा। तिथि को लेकर भी इस बार कोई संशय नहीं है। सुबह से शाम तक पूर्ण रूप से पर्व रहेगा। 14 जनवरी सुबह 8.56 बजे सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे।

सूर्य उपासना व दान पुण्य का महापर्व मकर संक्रांति इस बार पीतांबरी वस्त्रों में व्याघ्र (बाघ) पर सवार होकर आएगी। उपवाहन अश्व (घोड़ा) होगा। तिथि को लेकर भी इस बार कोई संशय नहीं है। सुबह से शाम तक पूर्ण रूप से पर्व रहेगा। 14 जनवरी सुबह 8.56 बजे सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। अगर सूर्य ग्रह सूर्यास्त के पहले राशि परिवर्तन करते हैं तो संक्रांति का पुण्यकाल उसी दिन माना जाता है। वहीं मकर संक्रांति के नजदीक आते ही पतंगों की बिक्री भी बढ़ गई है। जगह-जगह पतंग व मांझे की दुकानें खुल गई है। चोरी छिपे चाइनीज मांझा भी खूब बिक रहा है।

महापुण्यकाल 9.03 से 10.52 बजे तक

ज्योतिषाचार्य पंडित चेतन दाधीच ने बताया कि इस वर्ष सूर्य ग्रह का राशि परिवर्तन प्रात:काल में ही हो रहा है। अत: मकर संक्रांति का पर्व शास्त्रीय मतानुसार 14 जनवरी को ही मनाया जाएगा। सुबह राशि परिवर्तन करने से संक्रांति का पुण्यकाल सूर्योदय से सूर्यास्त तक अर्थात् सुबह 7.27 से शाम 5.52 बजे तक रहेगा। महापुण्यकाल सुबह 9.03 से 10.52 बजे तक रहेगा। इस दौरान धर्म-पुण्य कार्य करना अधिक फलदायी रहेगा।

अनाज भंडारण में वृद्वि होगी

पंडित दाधीच ने बताया कि इस साल की मकर संक्रांति शिक्षित वर्ग के लोगों के लिए काफी अच्छी रहने वाली है। व्यापारियों और कारोबारी लोगों को वस्तुओं की लागत कम होने से कुछ लाभ होने की संभावना है। अधिकांश लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों में मधुरता आएगी। देश के अनाज के भंडारण में वृद्वि होगी।

सूर्य तिथि वाला अनोखा पर्व

पंडित दाधीच ने बताया कि अधिकांश हिंदू त्योहार चंद्रमा की स्थिति के अनुसार मनाए जाते हैं, लेकिन मकर संक्रांति पर्व सूर्य के चारों ओर पृथ्वी द्वारा की जाने वाल परिक्रमा की गणना के आधार पर मनाया जाता है। जब सूर्य राशि बदलकर उत्तरायण होते हैं तब संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है।

राशि के अनुसार करें दान

पंडित दाधीच ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है। कुंभ एवं मकर राशि वालों को काले तिल का दान करना चाहिए। मेष, तुला, सिंह और मिथुन राशि के जातक कंबल दान करें। वृश्चिक, धनु और मीन राशि के जातकों के लिए चावल और फल का दान करना लाभकारी होगा। वृषभ और कन्या राशि के जातक वस्त्र दान कर सकते है। कर्क राशि वाले दूध या घी दान करें।

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