उपभोक्ताओं को अपने राशन कार्ड को एलपीजी आईडी व जनआधार से सीडिंग कराना था। इसके लिए राशन डीलर की पोस मशीन में भी सींडिग का विकल्प उपलब्ध करवाया, लेकिन न तो ई-मित्र पर सीडिंग हुई और न ही राशन दुकानों पर। इसी वजह से पात्र उपभोक्ता भी वंचित है। ई-मित्रों पर भी उन्हें एक ही जवाब मिलता है पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है। दरअसल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने आनन-फानन में योजना तो लागू कर दी, लेकिन रजिस्ट्रेशन के लिए न तो नया सॉफ्टवेयर बनाया और ना ही अपने पोर्टल अपडेट किया। ऐसे में एक भी रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है।
यह थी योजना एनएफएसए से जुड़े पात्र लाभार्थी को सिलेंडर डिलीवरी करने वाले को तो पूरे पैसे देने पड़ेंगे, जितना सामान्य परिवार देते हैं, लेकिन सब्सिडी का पैसा सरकार लाभार्थी के सीधे खाते में ट्रांसफर करेगी। अभी तेल कंपनियां सामान्य परिवारों को 14.2 किलो का घरेलू रसोई गैस सिलेंडर 829 रुपए में उपलब्ध करवा रही है। इस योजना के अंतर्गत 1 सितंबर से अथवा सितंबर माह में पंजीयन (एलपीजी आईडी को ई-केवाईसी तथा जनाधार सीडिंग) कराने पर योजना का लाभ सितंबर से तथा किसी आगामी माह में पंजीयन कराने पर उस माह से गैस सिलेंडर पर सब्सिडी का लाभ दिया जाना था।
नहीं मिल रहा लाभ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल परिवारों को भी उज्जवला योजना की तरह 450 रुपए में घरेलू गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने की घोषणा के बाद सरकार ने 1 सितम्बर से रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना लागू कर दी है। सरकार के इस निर्णय से अब करीब 2 लाख 79 हजार 015 उपभोक्ताओं के परिवारों को फायदा होता। लेकिन अभी तक किसी भी परिवार को सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पाया है।
रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल चालू नहीं होने की वजह से परेशानी आ रही है। इस योजना में उपभोक्ताओं को अपने राशन कार्ड को एलपीजी आईडी व जनआधार से सीडिंग करवाना है। जल्द ही योजना शुरू होगी और सितंबर से ही लाभार्थी के खाते में सब्सिडी की राशि डाल जाएगी।