झालावाड़.त्योहारी सीजन से पूर्व ही तेल, किराना सामग्री और सब्जियों में बढ़ती महंगाई ने गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों की कमर तोड़ कर रख दी है। सितम्बर में खाद्य वस्तुओं के भाव में जिस प्रकार उछाल आया है, उतना तो शायद ही कभी देखने को मिला हो। इन दिनों सब्जियां ही नहीं, बल्कि किराना सामग्री के दाम भी इस कदर बढ़ गए हैं कि लोग परेशान हैं। किराना व्यापार से जुड़े लोगों का कहना है कि इससे पहले उन्होंने महंगाई की ऐसी रफ्तार कभी नहीं देखी। बीते एक माह के दौरान ही किराना सामग्रियों के भावों में 25-30 फीसदी तक उछाल आया है।
इस महंगाई ने संपन्न वर्ग को तो अधिक प्रभावित नहीं किया, लेकिन मध्यम और गरीब वर्ग चपेट में आ गया है। किराना व्यापारी राधेश्याम अग्रवाल, सुनील मित्तल का कहना है कि किराना वस्तुओं की लगातार बढ़ती कीमतों से सिर्फ ग्राहक वर्ग ही प्रभावित नहीं है, बल्कि व्यापारी भी परेशान हैं। महंगाई के कारण कारोबार में लागत बढ़ गई है, लेकिन खपत कम होने के कारण मुनाफा घट गया है। जो गरीब वर्ग एक लीटर तेल ले जाता था,अब वह आधा लीटर से काम चलाने को मजबूर हो रहा है। इस तरह महीने के राशन में कटौती होने लगी है। जिसका सीधा असर व्यापार पर पड़ रहा है। व्यापारियों का कहना है कि सरकार महंगाई रोकने में विफल है। महंगाई से मध्यम और गरीब परिवारों की हालत खराब हो रही है, लेकिन महंगाई पर अंकुश लगाने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
पैकिंग आटा भी महंगा- तेल के बाद अब आटा भी महंगा हो गया है। आटे की कीमतों पर 3 से 5 रुपए प्रति किलो की तेजी आई है। पांच किलो का जो बैग 150 रुपए में मिलता था, अब वह 170-175 रुपए का हो गया है। वहीं टमाटर एक बार फिर से 70-80 रुपए किलो हो गए है। वहीं अन्य सब्जियों के दाम भी बढ़ गए है। त्योहारी सीजन से पूर्व तेल में उबाल- त्योहारी सीजन के शुरू होने से पूर्व श्राद्ध पक्ष में ही तेल, किराना, सब्जी सहित अन्य रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। इससे आमजन का बजट गड़बड़ा गया है।
145 रुपए लीटर पहुंची दर – तेल की रफ्तार और कीमतों में तेजी देखने को मिली हैं। एक महीने पहले खाद्य तेल 130 रुपए प्रति लीटर मिल रहा था। इसी तेल के दाम एक महीने में बढ़कर 140-145 रुपए प्रति लीटर हो गए हैं। तेल के दाम बढऩे से आम आदमी की रसोई का बजट गड़बड़ा गया है। जहां तेलों के दाम में वृद्धि हुई है। वहीं किराने से जुड़े अन्य सामानों में भी तेजी आई हैं। आने वाले दिनों में नवरात्र शुरू होने वाले है। ऐसे में पूजा-पाठ सामग्री सहित नारियल के भाव में भी तेजी होने की संभावना है।
ड्राई फ्रुट में भी आया उछाल- सब्जी, खाद्य पदार्थ व खाद्य तेलों के बाद ड्राई फ्रूट की कीमतों में उछाल आया है। सेहत के लिए लाभदायक माने जाने वाले ड्राई फु्रट भी बढ़ती कीमतों के चलते आमजन की पहुंच से दूर होने लगे हैं। काजू की कीमत 700 रुपए प्रतिकिलो से बढ़कर 1000 रुपए,बादाम की कीमत 550 रुपए प्रतिकिलो से 650-700 रुपए, फूल मखाने 700 रुपए से 1200 रुपए प्रति किलो हो गए हैं।
इसलिए बढ़े दाम- सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार ने कच्चे और रिफाइंड तेल पर सीमा शुल्क बढ़ा दिया है। सरकार के फैसले से त्योहारी सीजन में खाने के तेल में जबरदस्त तड़का लगा है। खाद्य तेल 25-35 रुपए तथा सरसों का तेल 30-35 रुपए प्रति लीटर महंगा हो गया है। बढ़ती महंगाई से आमजन के लिए रसोई का बजट गड़बड़ा गया है। सरकार को उम्मीद है कि इससे देश के किसानों को फायदा होगा।
बजट गड़बड़ा गया इन दिनों रसोई का बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है। पहले एक लीटर तेल 115 रुपए लीटर मिल रहा था,वहीं तेल अब 135 रुपए लीटर तक मिल रहा है। सरकार को भाव कम करने चाहिए।
नीरू गुर्जर, झालावाड़। महंगे हो गए सामान- इन दिनों सब्जी, किराना सामान सभी बहुत महंगे हो गए है। पहले से महंगाई ज्यादा है। अब तेल व ड्राईफू्रट भी महंगे हो गए है। सरकार को टेक्स में कमी करना चाहिए।
लीलाबाई, झालावाड़।