पर्यावरण प्रेमी को मानदेय मिलने से वे ज्यादा उत्साह व मेहनत से कार्य करेंगे। इसे वाच एंड गार्ड नाम दिया गया है। यह ग्रामीण क्षेत्रों में होगा। पूरे राजस्थान में लगभग सात से आठ हजार ग्रामीणों को रोजगार मिलने की संभावना है। जरूरत के अनुसार इनकी संया कम और ज्यादा हो सकती है। जिले सहित पूरे राज्य में हर बार पौधे तो खूब लगाए जाते हैं लेकिन उनकी समय पर देखभाल नहीं होती। समय पर खाद पानी नहीं डाला जाता तो अधिकांश नष्ट हो जाते है। इस योजना में श्रमिक लगाने से पौधों के बचने की संभावना बढ़ेगी।
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पांच से छह हजार रुपए तक भुगतान
जिस ग्रामीण को पौधों की रखवाली की जिमेदारी दी जाएगी उसे नरेगा के मद में अकुशल श्रमिक के नियमों के अनुसार भुगतान किया जाएगा। ऐसे में नियमित कार्य करने व पौधों की सही तरीके से सुरक्षा करने पर ही उसे लगभग पांच से छह हजार रुपए प्रति माह का भुगतान किया जा सकेगा लेकिन अगर कार्य में लापरवाही बरती तो भुगतान कम भी हो जाएगा। यह भी पढ़ें
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200 पौधों पर एक श्रमिक
ग्रामीण क्षेत्रों में जहां 200 पौधे एक साथ लगाए जाएंगे वहां एक अकुशल श्रमिक को लगाया जाएगा। पौधे सरकारी स्थान, ग्राम पंचायत, मुक्तिधाम, गोशाला एवं अन्य सार्वजनिक स्थान पर होने चाहिए। जिले में लगभग 350 जगह है, जहां अकुशल श्रमिकों को वाच एवं गार्ड नियुक्त किया जाएगा। जहां लगभग 200 पौधे लगाए जाएंगे वहां अकुशल श्रमिक को नियुक्त किया जाएगा। इसे भुगतान नरेगा के मापदंडों के अनुसार दिया जाएगा। योजना अच्छी है। इससे पौधों की रखवाली होगी। भुगतान तभी पूरा मिलेगा जब वह नियमों के अनुसार कार्य करेगा। पौधे नष्ट होने पर भुगतान भी कम हो जाएगा।
राजेन्द्र कुमार निमेष, अधिशासी अभियंता, महानरेगा
राजेन्द्र कुमार निमेष, अधिशासी अभियंता, महानरेगा