झालावाड़

लहसुन के भी क्या दिन आए, लग्जरी कारों से मंडी में आ रहा बिकने

खानपुर. कहते हैं कि एक दिन तो रेवड़ी का भी आता है। कुछ ऐसा ही इन दिनों लहसुन के साथ भी हो रहा है। कभी दो से तीन रुपए किलो भाव आने पर किसानों ने सड़क किनारे या खाळ-नालों व रेवडि़यों में भी लहसुन को फेंक दिया था लेकिन इस साल यही लहसुन लग्जरी कारों […]

झालावाड़Oct 16, 2024 / 08:11 pm

jagdish paraliya

  • खानपुर. कहते हैं कि एक दिन तो रेवड़ी का भी आता है। कुछ ऐसा ही इन दिनों लहसुन के साथ भी हो रहा है। कभी दो से तीन रुपए किलो भाव आने पर किसानों ने सड़क किनारे या खाळ-नालों व रेवडि़यों में भी लहसुन को फेंक दिया था लेकिन इस साल यही लहसुन लग्जरी कारों से मंडी में लाया जा रहा है।
खानपुर. कहते हैं कि एक दिन तो रेवड़ी का भी आता है। कुछ ऐसा ही इन दिनों लहसुन के साथ भी हो रहा है। कभी दो से तीन रुपए किलो भाव आने पर किसानों ने सड़क किनारे या खाळ-नालों व रेवडि़यों में भी लहसुन को फेंक दिया था लेकिन इस साल यही लहसुन लग्जरी कारों से मंडी में लाया जा रहा है। ऐसा नजारा मंडी में पहले कभी दिखाई नहीं दिया। यह सब भाव का कमाल है। मंडी में लहसुन इन दिनों 30 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। इससे किसानों के भी वारे-न्यारे हो रहे हैं।
मंगलवार को भी मंडी में ऐसे ही नजारे देखने को मिले। यहां एक से एक लग्जरी कारों में लहसुन भरकर किसान मंडी में बेचने पहुंचे। कोई स्कार्पियो लेकर आया तो कोई बोलेरो। कई किसान अन्य कारों में भी कट्टे भरकर मंडी में पहुंचे। पिकअप, ऑटो व ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भी लहसुन भरकर किसान बेचने के लिए मंडी पहुंचे। नीलामी के दौरान लहसुन की कट्टियों से भरे एक से बढ़कर एक लग्जरी वाहन नजर आए।
दो साल पहले ढेर लावारिस छोड़ चले गए किसान

दो वर्ष पहले लहसुन के दाम 1000 से 1500 के बीचे होने पर नीलामी के दौरान कई किसान लहसुन के ढेर मण्डियों में छोड़कर चले गए थे। ऐसे में मण्डी प्रशासन द्वारा अतिरिक्त सफाईकर्मी लगाकर इन लहसुन के ढेरों को ट्रेक्टरट्रॉली में भरकर अन्यत्र फिंकवाना पड़ा था लेकिन इस बार मण्डी यार्ड में लहसुन की एक गांठ तक पड़ी नजर नहीं आ रही है। किसान अपने लग्जरी वाहन में करीब 10 कट्टियां तक भरकर ला रहे हैं। लेकिन ये 10 कट्टियां ही औसत एक लाख से सवा लाख के बीच बिक रही है। लहसुन के भावों को देखते हुए इस बार फिर से इसका रकबा बढ़ने का अनुमान जताया जा रहा है। वहीं इन दिनों लहसुन की बुवाई के लिए बीज की मांग अधिक होने से बीज 30 से 35 हजार रुपए क्विंटल बिक रहा है।
खानपुर मंडी में इस सीजन की सर्वाधिक आवक

स्थानीय कृषि उपज मंडी में मंगलवार को कृषि जिन्सों की इस सीजन की सर्वाधिक आवक हुई। यहां करीब 10 हजार बोरी कृषि जिन्सों की आवक के साथ 2 हजार से 2500 कट्टे के बीच लहसुन की भी आवक हुई। ऐसे में मण्डी यार्ड से लेकर समूचा मण्डी परिसर ट्रैक्टर ट्रालियों से अटा रहा। इससे मंडी में पांव रखने की भी जगह नहीं बची। शुक्रवार से रविवार तक लहसुन मण्डी में 3 दिनों तक अवकाश रहने व सोमवार को मौसम खराब होने से आवक कम हुई थी। साथ ही बुधवार को लहसुन मण्डी में अवकाश रहता है। ऐसे में मंगलवार को अल सुबह से मण्डी में जिसों से भरी ट्रैक्टर ट्रॉलियां आने से दिनभर रेलमपेल मची रही। इसके चलते देर शाम तक जिंसों की नीलामी जारी रही। दीवाली के त्योहार व रबी की फसल के लिए खाद बीज व साजो सामान खरीदने के लिए किसान खेतों में फसल तैयार होने के साथ ही मण्डी मे बेचने ला रहे हैं।
मण्डी में हजारों बोरियों का जमावड़ा

कृषि उपज मंडी में बम्पर आवक के चलते इन दिनों नीलामी यार्डो में हजारों बोरियों का जमावड़ा लगा हुआ है। बार बार बारिश होने से समय पर परिवहन नहीं होने से यहां व्यापारियों की हजारों बोरियों को बारिश से भीगने से बचने के लिए बरसाती से ढककर रखा गया है। मंगलवार को नीलामी के दौरान यहां 52 बीघा का मण्डी परिसर भी छोटा पड़ गया। इस बार सोयाबीन का रकबा अधिक होने के साथ उपज भी 2 से 3 क्विंटल प्रति बीघा होने से मण्डी में प्रतिदिन सोयाबीन की 5 से 7 हजार बोरी कृषि जिंसो की आवक हो रही है।
प्रति बीघा 3 लाख रुपए उपज

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