झालावाड़

दादा-पिता के बाद अब पुत्र भी निभा रहे रामलीला में भूमिका

सरड़ा. अकलेरा तहसील क्षेत्र के सरड़ा कस्बे में पिछले 79 वर्षों से स्थानीय कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन किया जा है। मंडल अध्यक्ष शिवदयालपारेता ने बताया कि आदर्श रामलीला कला मंडल एवं जनकल्याण सेवा संस्थान की ओर से गुरुवार रात्रि को जय गणपति गणनायक प्रार्थना के साथ रामलीला मंचन की विधिवत शुरुआत हुई। प्रार्थना के […]

झालावाड़Oct 04, 2024 / 10:41 pm

jagdish paraliya

  • सरड़ा. अकलेरा तहसील क्षेत्र के सरड़ा कस्बे में पिछले 79 वर्षों से स्थानीय कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन किया जा है। मंडल अध्यक्ष शिवदयाल पारेता ने बताया कि आदर्श रामलीला कला मंडल एवं जनकल्याण सेवा संस्थान की ओर से गुरुवार रात्रि को जय गणपति गणनायक प्रार्थना के साथ रामलीला मंचन की विधिवत शुरुआत हुई।
सरड़ा. अकलेरा तहसील क्षेत्र के सरड़ा कस्बे में पिछले 79 वर्षों से स्थानीय कलाकारों द्वारा रामलीला का मंचन किया जा है। मंडल अध्यक्ष शिवदयालपारेता ने बताया कि आदर्श रामलीला कला मंडल एवं जनकल्याण सेवा संस्थान की ओर से गुरुवार रात्रि को जय गणपति गणनायक प्रार्थना के साथ रामलीला मंचन की विधिवत शुरुआत हुई। प्रार्थना के बाद गणेश सजीव झांकी, रावण अत्याचार, राजा दशरथ द्वारा पुत्रेष्ठि यज्ञ, राम जन्म की लीला का मंचन हुआ। मंचन के दौरान रावण की भूमिका देवी शंकर टेलर, मेघनाद की भूमिका अक्षित बैरागी, सेनापति की भूमिका देवीलाल टेलर, ब्रह्मा की भूमिका मांगीलाल बैरागी , शंकर की भूमिका मांगीलाल राठौर, विष्णु की भूमिका हर्षित बैरागी, इंद्र की भूमिका रामनिवास शर्मा, मुनि की भूमिका बजरंगलाल टेलर, पृथ्वीमाता की भूमिका ओमप्रकाश टेलर, मुनि वशिष्ठ की भूमिका रामगोपाल पोटर, राजा दशरथ की भूमिका बनवारी टेलर, अग्नि देव की भूमिका गोविंद मेवाड़ा ने निभाई।
निर्देशक लालचंद बैरागी व वरिष्ठ कलाकार मांगीलाल राठौर ने बताया कि सरड़ा में की जा रही रामलीला में संवाद के साथ ही संगीत में भी मंचन किया जाता हैं। स्थानीय कलाकारों की ओर से की जा रही रामलीला में बेहरत, शेर, तबील, शायरी जैसी गुमनाम होती जा रही पौराणिक विधाओं में मंचन किया जाता हैं।

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